आश्विन माह की शारदीय नवरात्रि में माँ दुर्गा की अस्थाई मूर्ति, घट, कलश एवं अखंड दीप की स्थापना का खास महत्व होता है। वैसे तो नवरात्र के पहले दिन के सूर्योदय से लेकर नवमी तिथि तक यानी पूरी नवरात्र के सभी दिन और पल शुभ ही होते हैं। लेकिन फिर भी मान्यतानुसार पंचांग देखकर इनकी स्थापना शुभ मुहूर्त में ही करने का विधान है। ऐसा करने से भक्तों के में सुख और समृद्धि आती है। और परिवार में खुशियां बनी रहती हैं । इस बार माता देवी दुर्गा का नाव पर सवार होकर आयेंगी एवं हाथी पर आरूड़ होकर विदा होंगी । वर्ष 2019 में नवरात्रि 29 सितंबर दिन रविवार से प्रारंभ हो रही है।
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आश्चिन शुक्लपक्ष की प्रतिपदा तिथि को माँ दुर्गा पूजा का आरंभ घट स्थापना से शुरू हो जायेगा। इस दिन प्रात: स्नानादि से निवृत हो कर संकल्प किया जाता है, व्रत का संकल्प लेने के बाद जवारे बोये जाते हैं और जवारे के बीच में ही एक बड़ी सी चौकी के आसन पर माता की मूर्ति या तस्वीर की स्थापना, नवग्रह, घट, कलश, अखंड दीपक आदि की विधि विधान से स्थापना की जाती है। कहा जाता है कि इन नौ दिनों तक गाय के घी का अखंड दीप जलाने से जीवन में सदैव शुभ ही शुभ होने लगता है।
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शुभ मुहूर्त
अस्थाई मूर्ति स्थापना के लिए शुभ मुहूर्त 29 सितंबर 2019 दिन रविवार को सुबह 6 बजे से ही शुरू हो जाएगा जो रात्रि 9 बजे तक रहेगा। इसी दिन घट स्थापना, कलश स्थापना एवं अखंड दीप प्रज्जवलन किया जाता है। सुबह 11 से 12 बजे तक कलश स्थापना के लिए उत्तम शुभ मुहूर्त रहेगा। 11 बजकर 36 मिनट से 12 बजकर 24 मिनट तक अभिजीत शुभ मुहूर्त रहेगा। इसके रात्रि 9 बजे तक मूर्ति स्थापना सहित अखंड दीप प्रज्जवलन किया जाता सकता है।
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