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पट्टी बांध बेटे की दे रहे थे कुर्बानी, आंख खोली तो…

locationभोपालPublished: Aug 11, 2019 01:00:24 pm

Submitted by:

Devendra Kashyap

Bakra Eid 2019 : बकरीद का त्यौहार मुख्य रूप से कुर्बानी के पर्व के रूप में मनाया जाता है। इस दिन बकरे की कुर्बानी दी जाती है।

Bakra Eid 2019

पट्टी बांध बेटे की दे रहे थे कुर्बानी, आंख खोली तो…

12 अगस्त ( सोमवार ) को बकरीद ( bakra Eid 2019 ) मनाई जाएगी। इस्लामिक कैलेंडर के अनुसार, रमजान के पवित्र महीने के खत्म होने के लगभग 70 दिनों के बाद बकरीद आती है। बकरीद ( bakrid ) का त्यौहार मुख्य रूप से कुर्बानी के पर्व के रूप में मनाया जाता है। इस दिन बकरे की कुर्बानी ( day of sacrifice ) दी जाती है। गौरतलब है कि इस्लाम ( Islam ) में मीठी ईद ( Eid ) के बाद बकरीद प्रमुख त्यौहार है।
क्यों मनाई जाती है बकरीद

इस्लाम मानने वाले लोगों के लिए बकरीद का विशेष महत्व है। मान्यता के अनुसार, इसी दिन हजरत इब्राहिम अपने बेटे हजरत इस्माइल को कुदा के हुक्म पर कुर्बान करने जा रहे थे। माना जाता है कि अल्लाह ने उनके नेक जज्बे को देखते हुए उनके बेटे को जीवनदान दे दिया। इसी की याद में बकरीद मनाई जाती है।
बकरीद पर क्यों दी जाती है कुर्बानी

मान्यता के अनुसार, हजरत इब्राहिम जब अपने बेटे की कुर्बानी देने जा रहे थे, तब उन्हे लगा कि उनकी भावनाएं आड़े आ सकती है, इसलिए उन्होंने अपनी आंखों पर पट्टी बांध ली। हजरत इब्राहिम जब अपना काम पूरा लिया तो उन्होंने पट्टी हटाई। पट्टी हटाने पर उन्होंने देखा कि उनका पुत्र जिन्दा खड़ा है और बेदी पर कटा हुआ दुम्बा ( सऊदी में पाये जाने वाला भेड़ जैसा जानवर) पड़ा हुआ है। तब ही से इस मौके पर कुर्बानी देने की प्रथा शुरू हो गई।
बकरीद का महत्व

बकरीद का दिन फर्ज-ए-कुर्बान का दिन होता है। इस दिन गरीबों का विशेष ध्यान दिया जाता है। कुर्बानी के बाद गोश्त को तीन हिस्सों में बांट दिया जाता है। इसमें से एक हिस्सा खुद के लिए होता है और अन्य दो हिस्से को गरीब और जरूरतमंद लोगों में बांट दिया जाता है।
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