29 अक्टूबर – शुभ मुहूर्त
भाई दूज पूजा के लिए सबसे अच्छा शुभ मुहूर्त दिन में 1 बजकर 11 मिनट से 3 बजकर 36 मिनट तक है। इस अलावा भी सूर्यास्त से पहले तक पूजा का क्रम किया जा सकता है।
ऐसे करें पूजन
भाई दूज के दिन सबसे पहले सुबह स्नान करके श्री गायत्री, श्री लक्ष्मी, श्रीविष्णुजी एवं श्री गणेश जी की पूजा करनी चाहिए। बहन अपने हाथों से बना कुछ मीठा हलवा या मिठाई या खीर सर्वप्रथम तुलसी पत्र डालकर ईश्वर को भोग लगाएगी और भाई बहन एक दूसरे की सद्बुद्धि के लिए, उज्जवल भविष्य के लिए, धन धान्य के लिए पांच घी के दीपक जलाकर पूजन करें। दीपक जलाने के बाद इन मंत्रों का जप भाई-बहन दोनों करें।
1- गायत्री मन्त्र 24 बार- ॐ भूर्भुवः स्वः तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि धियो योनः प्रचोदयात्।।
2- महामृत्युंजय मन्त्र 11 बार- ॐ त्र्यम्बकम् यजामहे सुगन्धिम् पुष्टि वर्धनम् उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्।।
3- गणेश मन्त्र 5 बार- ॐ एक दन्ताय विद्महे, वक्रतुण्डाय धीमहि, तन्नो दन्तिः प्रचोदयात्।।
4- लक्ष्मी मन्त्र 5 बार- ॐ महालक्ष्म्यै विद्महे, विष्णु प्रियायै धीमहि। तन्नो लक्ष्मीः प्रचोदयात्।।
5- विष्णु मन्त्र 5 बार- ॐ नारायणाय विद्महे, वासुदेवाय धीमहि। तन्नो विष्णुः प्रचोदयात्।।
उपोरक्त मन्त्र जप पूरा होने के बाद पहले भगवान की आरती करें, एवं बाद में उसी पूजा के थाल में हल्दी, कुमकुम, चावल, आरती वाला दीपक आदि सभी सामग्री रख बहन अपने भाई का पूजन करें-
– इस मंत्र को बोलते हुए भाई के माथे पर तिलक लगावें।
ॐ चन्दनस्य महत्पुण्यं, पवित्रं पापनाशनम्।
आपदां हरते नित्यम्, लक्ष्मीस्तिष्ठति सर्वदा॥
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– इस मंत्र को बोलते हुए भाई के सीधे हाथ में लाल कलावा बांधे।
ॐ व्रतेन दीक्षामाप्नोति, दीक्षयाऽऽप्नोति दक्षिणाम्।
दक्षिणा श्रद्धामाप्नोति, श्रद्धया सत्यमाप्यते॥
– अब बहन अपने भाई को खीर/मीठा आदि खिलावें।
– भाई भी अपनी बहन को ऐसे ही तिलक लगाकर, कलावा बांधें एवं मीठाई खिलाकर बहन के पैर छूकर आशीर्वाद लें।
– अब भाई अपनी सामर्थ्य अनुसार अपनी बहन को कपड़ें, पैसे या अन्य कोई उपार भेंट करें।
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