नवरात्रि के चौथे दिन देवी माँ के भक्त मता कूष्मांडा की पूजा अर्चना की जाती है। हिंदू धर्म शास्त्रों के अनुसार, माता कूष्मांडा सूर्यलोक में निवास करती है। माँ कूष्मांडा आठ हाथों वाली हैं जिनके हाथों में शंख, चक्र, गदा, धनुष बाण, मंत्रों का जाप करने वाली माला, कमंडल और एक हाथ में अमृत कलश है। माता कूष्मांडा को कुम्हड़ा का भोग अति प्रिय है, इसलिए भक्त उनकी कृपा पाने, आयु, यश एवं धन समृद्धि कामना से कुम्हड़े की बलि भी दी जाती है।
चौथे दिन ऐसे करें माता कूष्मांडा की पूजा
इस चैत्र नवरात्रि का चौथा दिन 28 मार्च दिन शनिवार को हैं, इस दिन सुबह नित्यकर्म और स्नान करने के बाद घर के पूजा स्थल की सफाई करके थोड़ा सा गंगाजल छिड़कें। लाल रंग के आसन पर बैठकर माता दुर्गा के माँ कूष्मांडा स्वरूप की विधिवत पूजा-अर्चना करें। माता को पूजन में देवी को लाल गुड़हल या लाल रंग का ही कोई भी दूसरा फूल अर्पित करें। माता को लाल रंग के श्रृंगार का सामान भेंट करें। माता को मालपुए का भोग लगाएं। पूजने के बाद श्रद्धापूर्वक माता की आऱती भी करें।
मंत्र-
या देवि सर्वभूतेषू सृष्टि रूपेण संस्थिता
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:।।
***********