scriptचैत्र नवरात्रि में सातवें दिन होती है माँ कालरात्रि विशेष पूजा आऱाधना | Chaitra Navratri 2020 : Maa Kaalratri Puja Vidhi | Patrika News

चैत्र नवरात्रि में सातवें दिन होती है माँ कालरात्रि विशेष पूजा आऱाधना

locationभोपालPublished: Mar 30, 2020 05:04:55 pm

Submitted by:

Shyam

माँ कालरात्रि की शरण में जाने से बाधाओं से होती है रक्षा

चैत्र नवरात्रि में सातवें दिन होती है माँ कालरात्रि विशेष पूजा आऱाधना

चैत्र नवरात्रि में सातवें दिन होती है माँ कालरात्रि विशेष पूजा आऱाधना

31 मार्च दिन मंगलवार को चैत्र नवरात्रि का सातवां दिन है और इस माँ दुर्गा के सातवें स्वरूप दुष्टों का संहार करने वाली माँ कालरात्रि की पूजा की जाती है। गले में नरमुंडों की माला पहने वाली माँ कालरात्रि की पूजा करने से सभी तरह के भय का नाश होता है। नवरात्रि के सातवें दिन ऐसे करें माँ कालरात्रि की पूजा।

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चैत्र नवरात्रि के सातवें दिन ऐसे करें कालरात्रि माता की पूजा

माँ कालरात्रि की पूजा ब्रह्ममुहूर्त में ही की जाती है। इसके अलावा तांत्रिक माँ की पूजा आधी रात में करते हैं। माँ कालरात्रि के पूजन के लिए विशेष कोई विधान नहीं है। इस दिन एक चौकी पर माँ कालरात्रि का चित्र स्थापित करें। इसके बाद माँ कालरात्रि को कुमकुम, लाल पुष्प, रोली आदि चढ़ाएं। माला के रूप में माँ को मुंड रूप में नींबुओं की माला पहनाएं और उनके आगे तेल का दीपक जलाकर विधिवत पूजन करें।

चैत्र नवरात्रि में सातवें दिन होती है माँ कालरात्रि विशेष पूजा आऱाधना

माता कालरात्रि को लाल फूल अर्पित करें एवं गुड़ का भोग लगाएं। माँ कालरात्रि के मन्त्रों का 108 बार जप करें। समयानुसार श्री दुर्गा सप्तशती का पाठ भी करें व माता की आरती उतारें। पूजा आरती के बाद माँ कालरात्रि से जाने अनजाने में हुई भूलों के लिए क्षमा मांगें। माता को लगाएं भोग का प्रसाद सभी भक्तों में बांटे।

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माँ कालरात्रि की पूजा करने के लिए श्वेत या लाल वस्त्र ही धारण करना चाहिए। माँ कालरात्रि के सामने तेल का दीपक जलाकर गुड़ का भोग लगाएं। भोग लगाने के बाद 108 बार नवार्ण मंत्र पढ़ते जाएं और एक-एक लौंग चढाते जाएं। बाद में सभी लौंग को हवन में अर्पित करें। ऐसा करने से सभी विरोधी और शत्रु से रक्षी माता कालरात्रि करती रहेगी।

नवार्ण मंत्र

।। ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डाय विच्चे।।

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