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Chaitra Navratri : बुधवार 25 मार्च से चैत्र नवरात्रि शुरू, जानें शुभ मुहूर्त

locationभोपालPublished: Mar 24, 2020 04:58:59 pm

Submitted by:

Shyam

माँ दुर्गा की आराधना का पर्व चैत्र नवरात्रि 25 मार्च से 2 अप्रैल तक

Chaitra Navratri : आज 25 मार्च से चैत्र नवरात्रि शुरू, जानें शुभ मुहूर्त

Chaitra Navratri : आज 25 मार्च से चैत्र नवरात्रि शुरू, जानें शुभ मुहूर्त

बुधवार 25 मार्च से माँ दुर्गा की आराधना का सबसे बड़ा पर्व चैत्र नवरात्रि शुरू। चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से नवमी तिथि तक पूरे 9 दिनों माता की विशेष पूजा उपासना की जाती है। इस साल नवरात्रि में अनेक सिद्ध मुहूर्त योग भी बन रहे हैं, जिनमें माता की पूजा एवं सिद्ध मंत्रों का जप करने से अनेक कामनाएं पूरी हो जाती है। जानें चैत्र नवरात्रि में कलश स्थापना व पूजा की सही शुभ मुहूर्त।

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ज्योतिषाचार्य पं. प्रहलाद कुमार पंड्या ने पत्रिका डॉट कॉम को बताया कि हिन्दू नव संवत्सर का शुभारंभ 25 मार्च होगा। चैत्र नवरात्रि 25 मार्च से लेकर 2 अप्रैल तक रहेगी। रेवती नक्षत्र में नवरात्रि के साथ भगवान झूलेलाल जयंती चैतीचांद, नव संवत्सर, गुड़ीपड़वा नववर्ष ब्रह्मा के द्वारा सृष्टि की रचना भी इसी दिन हुई थी। चैत्र नवरात्रि में 1 अप्रैल को दुर्गाअष्टमी एवं 2 अप्रैल को नवमी तिथि व रामनवमी भगवान राम का प्रगटोत्सव एक साथ मनाया जाएगा।

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।। चैत्र नवरात्रि में कलश, घटस्थापना एवं अखंड ज्योति हेतु सर्वश्रेष्ठ शुभ मुहूर्त।।

प्रतिपदा तिथि 24 मार्च को दोपहर में 2 बजकर 57 मिनट से ही आरंभ हो जाएगी, लेकिन मानी 25 मार्च को सूर्योदय के बाद से जाएगी 25 मार्च को शाम 5 बजे तक रहेगी।

1- चौघडिय़ा अनुसार बुधवार 25 मार्च 2020

– प्रातः 6 बजे 7 बजकर 30 मिनट तक “लाभ”।

– सुबह 7 बजकर 30 मिनट से 9 बजे तक “अमृत”।

– सुबह 10 बजकर 30 मिनट से दोपहर 12 बजे तक “शुभ”।

– दोपहर 3 बजे से शाम 4 बजकर 30 मिनट तक “चल शु रहेगा”।

– शाम को 4 बजकर 30 मिनट से 6 बजे तक “लाभ”

– शाम 7 बजकर 30 मिनट से 9 बजे तक “लाभ” ।

 

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दुर्गा पूजा

चैत्र नवरात्रि में माता महाकाली, माता महालक्ष्मी, माता महासरस्वती की आराधना करके प्रसन्न किया जाता है ताकि सुख, समृद्धि, धन, धान की वृद्धि हो। मंत्र जप, पूजा, पाठ, हवन, आरती, प्रसाद वितरण, कन्या भोजन के साथ व्रत का समापन किया जाता है। नवरात्र में व्रत के साथ दुर्गा सप्तसती का पाठ, घी की अखण्ड ज्योति पूरे नवरात्रि में जलाने, ज्वारे बोने क्रम, गायत्री महामंत्र का जप एवं मां दुर्गा के इस बीज मंत्र- ऊं ऐं हृीं क्लीं चामुण्डायै विच्चै नम: का जप आदि अनुष्ठान करने सभी मनोकामनाएं पूरी होने के साथ बाधाएं भी दूर हो जाती है।

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