मान्यता के अनुसार, छठ मईया और भगवान भास्कर की पूजा एक ही दिन की जाती है। दरअसल, छठ मईया और सूर्य देवता का संबंध भाई-बहन का है। छठ पूजा का प्रचलन पूर्वी भारत में है। खास तौर पर बिहार के अलावा पूर्वी उत्तर प्रदेश, झारखंड, दिल्ली और देश के अन्य क्षेत्रों में मनाया जाता है।
लोक आस्था का महापर्व छठ चार दिनों का त्योहार है। इसमें साफ-सफाई पर खास ध्यान रखा जाता है। कहा जाता है कि इस पर्व में गलती की कोई जगह नहीं होती है। इस व्रत को करने के नियम इतने कठिन है कि इसे महापर्व के नाम से संबोधित किया जाता है।
कौन हैं छठ माता? मान्यता के अनुसार, छठ देवी सूर्य देवता की बहन हैं। कहा जाता है कि छठ माता बच्चों की रक्षा करने वाली देवी हैं। माना जाता है कि इस व्रत को करने से संतान को लंबी आयु का वरदान मिलता है। मार्कण्डेय पुराण के अनुसार, सृष्टि की अधिष्ठात्री प्रकृति देवी ने खुद को छह भागों में विभाजित किया है। इनके छठे अंश को सर्वश्रेष्ठ देवी के रूप में माना जाता है। कहा जाता है ये ब्रह्मा की मानस पुत्री हैं।
ये भी पढ़ें- चार दिनों का लोक आस्था का महापर्व छठ कब है? वहीं कुछ लोग कहते हैं कि पुराणों में इन्हीं देवी का नाम कात्यायनी बताया गया है, जिनकी नवरात्रि की षष्ठी तिथि को पूजा की जाती है। बताया ये भी जाता है कि बच्चे के जन्म के छह दिन बाद भी इन्हीं देवी की पूजा की जाती है। माना जाता है कि इनकी प्रार्थना से बच्चे को स्वास्थ्य, सफलता और दीर्घ आयु का आशीर्वाद मिलता है। कहा जाता है कि कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की षष्ठी को इन्हीं देवी की पूजा की जाती है, जिन्हें छठ मईया कहा जाता है।