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1- देवशयनी एकदशी के दिन जुआ नहीं खेलना चाहिए। जो व्यक्ति जुआ खेलता है, उसका परिवार व कुटुंब भी नष्ट हो जाता है। जिस स्थान पर जुआ खेला जाता है, वहां अधर्म का राज होता है।
2- देवशयनी एकदशी की रात को शयन नहीं करना चाहिए। इस दिन पूरी रात जागकर भगवान विष्णु की भक्ति, मंत्र जप और भजन करना चाहिए। इससे भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त होती है।
3- देवशयनी एकदशी के दिन पान खाना भी वर्जित माना गया है, पान खाने से मन में रजोगुण की प्रवृत्ति बढ़ती है। इसलिए एकादशी के दिन पान नहीं चाहिए।
4- देवशयनी एकदशी के दिन भूलकर भी दूसरों की बुराई, परनिंदा करने से बचना चाहिए।
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5- देवशयनी एकदशी के दिन चुगली करने से मान-सम्मान में कमी आती है, अपमान का सामना भी करना पड़ सकता है।
6- देवशयनी एकदशी के दिन चोरी करना पाप कर्म माना गया है, चोरी करने वाला व्यक्ति परिवार व समाज में घृणा की नजरों से देखा जायेगा।
7- देवशयनी एकदशी के दिन हिंसा करना महापाप माना गया है, हिंसा केवल शरीर से ही नहीं मन से भी होती है। इससे मन में विकार आता है। इसलिए शरीर या मन किसी भी प्रकार की हिंसा इस दिन नहीं करनी चाहिए।
8- देवशयनी एकदशी के दिन स्त्रीसंग करना भी वर्जित है क्योंकि इससे भी मन में विकार उत्पन्न होता है और मन भगवान भक्ति में नहीं लगता।
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