पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, समुद्र मंथन के समय धनवंतरि देव चौदह रत्नों के साथ समुद्र से निकले थे और तब उनके हाथ में कलश था। यही कारण है कि धनतेरस पर बर्तन खरीदने की परंपरा है। इस दिन लोग अपनी सामर्थ्य के अनुसार, स्टील, तांबे, पीतल आदि धातु के बने बर्तन खरीदते हैं।
लेकिन क्या आप जानते हैं कि धनतेरस के दिन किन बातों का नजरअंदाज नहीं करना चाहिए ताकि मां लक्ष्मी आपसे मां लक्ष्मी नाराज न हो। आइये जानते हैं कि किन बातों को इस दिन नजरअंदाज नहीं करना चाहिए…
चांदी की करें खरीदारी धनतेरस पर चांदी की खरीदारी जरूर करें, क्योंकि चांदी चंद्रमा का प्रतीक है और चंद्रमा जीवन में शीतलता, सुख-शांति व स्वास्थ्य का प्रतीक है। चांदी से बनी लक्ष्मी-गणेश की मूर्ति न खरीदें
धनतेरस पर बहुत से लोग पूजन के लिए लक्ष्मी-गणेश की चांदी से बनी मूर्तियां खरीदते हैं। लेकिन ऐसा नहीं करना चाहिए। इसके स्थान पर मिट्टी से बनी मूर्तियां ही लें। इस दिन लक्ष्मी-गणेश अंकित चांदी का सिक्का खरीद सकते हैं और उसे दीपावली पूजन के लिए इस्तेमाल कर सकते हैं।
पूजन सामग्री धनतेरस पर ही खरीदें दिवाली पर पूजा के लिए इस्तेमाल होने वाले पूजन सामग्री धनतेरस के दिन ही खरीद लें क्योंकि खरीदारी के लिए यह दिन सबसे उत्तम होता है। धनतेरस पर करें चिकित्सकीय यंत्र की खरीदारी
दरअसल, धनवंतरि को चिकित्सा और सेहत का देवता माना जाता है। अगर आप चिकित्सा क्षेत्र से जुड़े हुए हैं, तो चिकित्सकीय यंत्र की खरीदारी धनतेरस के दिन कर सकते हैं। कुबेर की पूजा धूप दीप से न करें
धनतेरस के दिन कुबेर की पूजा धूप दीप से न करें क्योंकि कुबेर को यक्ष भी कहा जाता है और यक्ष की पूजा धूप दीप से नहीं की जाती है। धनतेरस से लेकर भैया दूज तक करें मां लक्ष्मी की आराधना
धनतेरस से लेकर भैया दूज तक माता लक्ष्मी की आराधना करते रहने से आपके घर में सुख-समृद्धि का आगमन होगा और मां लक्ष्मी की कृपा से सभी आर्थिक संकट दूर होंगे। शुभफल प्राप्ति के लिए उत्तर-पूर्व दिशा में करें पूजा
धनतेरस के दिन उत्तर-पूर्व दिशा में पूजा करने से बृहस्पति को मजबूत कर सकते हैं। इसके साथ ही इस दिशा के वास्तु दोषों को दूर भी कर सकते हैं। ध्यान रखें कि घर के सभी कमरों से उत्तर-पूर्व दिशा में रखे फालतू सामान हटा दें।