पाल बालाजी ज्योतिष संस्थान जयपुर-जोधपुर के निदेशक ज्योतिषाचार्य डॉ. अनीष व्यास के अनुसार समु्द्र मंथन के दौरान भगवान धन्वंतरि और मां लक्ष्मी का प्राकट्य हुआ था, यही वजह है कि धनतेरस को भगवान धन्वंतरि और मां लक्ष्मी की पूजा की जाती है। इस दिन भक्त धन की देवी का उत्सव मनाते हैं, इस कारण इस दिन को धनतेरस के नाम से जाना जाता है।
पान
भविष्यवक्ता डॉ. अनीष व्यास के अनुसार शास्त्रों में धनतेरस पर पूजा की सामग्री के लिए पान का इस्तेमाल करने की नसीहत दी गई है। माना जाता है कि पान के पत्ते में देवी-देवताओं का वास होता है। इसलिए धनतेरस और दिवाली की पूजा में इसका इस्तेमाल शुभ माना जाता है।
सुपाड़ी
धनतेरस की पूजा में सुपाड़ी का इस्तेमाल जरूर करना चाहिए, मां लक्ष्मी की पूजा इसके बिना प्रारंभ ही नहीं होती है। सुपाड़ी को ब्रह्मदेव, यमदेव, वरूण देव और इंद्र देव का प्रतीक माना जाता है। धनतेरस के दिन पूजा में प्रयोग की गई सुपारी को तिजोरी में रखना लाभदायक होता है।
साबुत धनिया
कुंडली विश्ल़ेषक डॉ. अनीष व्यास के अनुसार धनतेरस के दिन आप साबुत धनिया खरीदकर लेकर आएं और इसे मां लक्ष्मी के सामने अर्पित करें। इससे आपकी सारी आर्थिक परेशानी दूर हो जाएगी।
बताशा और खील
बताशा माता लक्ष्मी का सबसे प्रिय भोग है। माता लक्ष्मी की पूजा में बताशे का प्रयोग करने से हर समस्या का समाधान होता है। इस दिन खील जरूर खरीदना चाहिए। इससे धन समृद्धि बनी रहती है।
दीया
पूजा से पहले मां के सामने दीप जलाना न भूलें। इससे यमदेव प्रसन्न होते हैं।
कपूर
मां लक्ष्मी, कुबेर और भगवान धन्वंतरि की पूजा में कपूर जरूर जलाएं। कपूर जलाने से घर की नकारात्मक ऊर्जा बाहर जाती है और सकारात्मक ऊर्जा घर में आती है।