बहीखाते, आभूषण, बर्तन, प्रॉपर्टी आदि की खरीदारी का विशेष महत्व रहेगा। खरीदारी चिरस्थाई रहेगी। इसलिए बाजारों में खास रौनक रहेगी, जमकर खरीदारी होगी। शाम को द्वार के बाहर यम के निमित्त चौमुखा दीपक जलाया जाएगा।
चर – सुबह ९.२१ से १०.४७ बजे तक
लाभ – सुबह १०.४७ से दोपहर १२.१२
अमृत – दोपहर १२.१२ से १.३६
शुभ – दोपहर ३.०१ से शाम ४.२६
लाभ – शाम ७.२८ से रात्रि ९.०३
सर्वार्थ सिद्धि योग में यह पर्व मनाया जाएगा। इसी दिन हनुमान जयंती भी मनाई जाएगी। महिलाएं उबटन आदि से रूप संवारेंगी और सोलह शृंगार करेंगी। सुबह १४ दीपकों का दान किया जाएगा। शाम को ७ या ११ दीपक जलाए जाएंगे।
लाभ – सुबह ६.३२ से ७.५६ बजे तक
अमृत – सुबह ७.५६ से ९.२२
शुभ – सुबह १०.४७ से दोपहर १२.१२
चर – दोपहर ३.०२ से शाम ४.२७
लाभ – शाम ४.२७ से ५.५२ गुरुवार – दिवाली (बड़ी दीपावली)
कार्तिक कृष्ण अमावस्या पर दीपावली के दिन चित्रा नक्षत्र में मां लक्ष्मीजी का पूजन किया जाएगा। दिवाली को अमावस्या रहेगी इसलिए दिन व रात्रि दोनों समय मां लक्ष्मीजी की पूजा हो सकेगी। इस दिन तुला राशि में सूर्य, चंद्र, बुध और गुरु की युक्ति से चतुग्र्रही योग बनेगा। प्रदोष काल में अमावस्या, स्थिर लग्न व स्थिर नवांश में महालक्ष्मी का पूजन करना सर्वश्रेष्ठ होता है। इस दिन पूजन का सर्वश्रेष्ठ मुहूर्त शाम ७.३४ से ७.४७ बजे तक रहेगा।
प्रदोष काल – शाम ५.५१ से रात ८.२३
वृष लग्न – शाम ७.२२ से रात्रि ९.१९
सिंह लग्न – मध्यरात्रि बाद १.५२ से ४.०८
सर्वश्रेष्ठ – शाम ७.३४ से ७.४७
अमृत व चर – शाम ५.५१ से रात्रि ९.०१ तक
लाभ – मध्यरात्रि १२.११ से १.४६
शुभ व अमृत – अन्त:रात्रि बाद ३.२२ से ६.३३ दिन के मुहूर्त (व्यापारिक प्रतिष्ठान)
शुभ – सुबह ६.३२ से ७.५७ बजे तक
चर – सुबह १०.४७ से दोपहर १२.१२
लाभ – दोपहर १२.१२ से १.३६ बजे तक
अमृत – दोपहर १.३६ से ३.०२ बजे तक
शुभ – शाम ४.२७ से ५.५१ बजे तक
इस दिन गोवद्र्धन की पूजा की जाएगी। देवालयों में भगवान को चावल, बाजरा, चौंले, मूंग आदि की नई फसलें का भोग लगाया जाएगा।
पूजन का समय
चर, लाभ, अमृत – सुबह ६.३३ से १०.४७ बजे तक
प्रदोष काल – ५.५१ मिनट से रात्रि ८.२० बजे तक शनिवार – भाई दूज
भाई की लम्बी आयु के लिए बहनें व्रत रखेंगी। सर्वार्थ सिद्धि योग में पूजा-अर्चना की जाएगी।
शुभ – सुबह ७.५८ से ९.२२ बजे तक
चर, लाभ, अमृत – दोपहर १२.१२ से शाम ४.२५ बजे तक