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आज से दीपावली पर्व आरंभ, जानिए किस दिन कौनसी पूजा का क्या मुहूर्त है

Published: Oct 17, 2017 10:25:49 am

ज्योतिषियों के अनुसार मंगलवार से शुरू होने वाला दीपोत्सव मंगलकारी होगा। जीवन में खुशियां, बाजार में तेजी आएगी

diwali puja muhurat 2017, tone totke in hindi

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उल्लास और उजास का पांच दिवसीय महापर्व दीपावली मंगलवार से शुरू हो गया है। कार्तिक कृष्ण त्रयोदशी पर धनतेरस के साथ इसकी शुरुआत हुई, जो शनिवार तक चलेगा। इसके लिए बाजार पूरी तरह सजकर तैयार हैं, जहां खूब धनवर्षा होगी। मंदिरों में दीपदान किया जाएगा। घरों का कोना-कोना रोशन होगा। धन की देवी लक्ष्मीजी की पूजा की जाएगी। ज्योतिषियों के अनुसार मंगलवार से शुरू होने वाला दीपोत्सव मंगलकारी होगा। जीवन में खुशियां, बाजार में तेजी आएगी।
पांच दिन… कब कौनसा पर्व

मंगलवार – धनतेरस (धनवन्तरि जयंती)
बहीखाते, आभूषण, बर्तन, प्रॉपर्टी आदि की खरीदारी का विशेष महत्व रहेगा। खरीदारी चिरस्थाई रहेगी। इसलिए बाजारों में खास रौनक रहेगी, जमकर खरीदारी होगी। शाम को द्वार के बाहर यम के निमित्त चौमुखा दीपक जलाया जाएगा।
खरीदारी के शुभ मुहूर्त
चर – सुबह ९.२१ से १०.४७ बजे तक
लाभ – सुबह १०.४७ से दोपहर १२.१२
अमृत – दोपहर १२.१२ से १.३६
शुभ – दोपहर ३.०१ से शाम ४.२६
लाभ – शाम ७.२८ से रात्रि ९.०३
बुधवार – रूप चतुर्दशी (छोटी दीपावली)
सर्वार्थ सिद्धि योग में यह पर्व मनाया जाएगा। इसी दिन हनुमान जयंती भी मनाई जाएगी। महिलाएं उबटन आदि से रूप संवारेंगी और सोलह शृंगार करेंगी। सुबह १४ दीपकों का दान किया जाएगा। शाम को ७ या ११ दीपक जलाए जाएंगे।
खरीदारी के मुहूर्त
लाभ – सुबह ६.३२ से ७.५६ बजे तक
अमृत – सुबह ७.५६ से ९.२२
शुभ – सुबह १०.४७ से दोपहर १२.१२
चर – दोपहर ३.०२ से शाम ४.२७
लाभ – शाम ४.२७ से ५.५२

गुरुवार – दिवाली (बड़ी दीपावली)
कार्तिक कृष्ण अमावस्या पर दीपावली के दिन चित्रा नक्षत्र में मां लक्ष्मीजी का पूजन किया जाएगा। दिवाली को अमावस्या रहेगी इसलिए दिन व रात्रि दोनों समय मां लक्ष्मीजी की पूजा हो सकेगी। इस दिन तुला राशि में सूर्य, चंद्र, बुध और गुरु की युक्ति से चतुग्र्रही योग बनेगा। प्रदोष काल में अमावस्या, स्थिर लग्न व स्थिर नवांश में महालक्ष्मी का पूजन करना सर्वश्रेष्ठ होता है। इस दिन पूजन का सर्वश्रेष्ठ मुहूर्त शाम ७.३४ से ७.४७ बजे तक रहेगा।
लक्ष्मी पूजन के शुभ मुहूर्त…
प्रदोष काल – शाम ५.५१ से रात ८.२३
वृष लग्न – शाम ७.२२ से रात्रि ९.१९
सिंह लग्न – मध्यरात्रि बाद १.५२ से ४.०८
सर्वश्रेष्ठ – शाम ७.३४ से ७.४७
चौघडिय़ा
अमृत व चर – शाम ५.५१ से रात्रि ९.०१ तक
लाभ – मध्यरात्रि १२.११ से १.४६
शुभ व अमृत – अन्त:रात्रि बाद ३.२२ से ६.३३

दिन के मुहूर्त (व्यापारिक प्रतिष्ठान)
शुभ – सुबह ६.३२ से ७.५७ बजे तक
चर – सुबह १०.४७ से दोपहर १२.१२
लाभ – दोपहर १२.१२ से १.३६ बजे तक
अमृत – दोपहर १.३६ से ३.०२ बजे तक
शुभ – शाम ४.२७ से ५.५१ बजे तक
शुक्रवार – गोवद्र्धन पूजा (अन्नकूट महोत्सव)
इस दिन गोवद्र्धन की पूजा की जाएगी। देवालयों में भगवान को चावल, बाजरा, चौंले, मूंग आदि की नई फसलें का भोग लगाया जाएगा।

पूजन का समय
चर, लाभ, अमृत – सुबह ६.३३ से १०.४७ बजे तक
शाम को पूजन व मर्दन का समय
प्रदोष काल – ५.५१ मिनट से रात्रि ८.२० बजे तक

शनिवार – भाई दूज
भाई की लम्बी आयु के लिए बहनें व्रत रखेंगी। सर्वार्थ सिद्धि योग में पूजा-अर्चना की जाएगी।
पूजन का समय
शुभ – सुबह ७.५८ से ९.२२ बजे तक
चर, लाभ, अमृत – दोपहर १२.१२ से शाम ४.२५ बजे तक

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