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नवरात्रि के 10वें दिन महिलाएं खेलती हैं सिंदूर खेला, जानें क्यों

locationभोपालPublished: Oct 08, 2019 11:44:11 am

Submitted by:

Devendra Kashyap

हिंदू धर्म में सिंदूर का बहुत बड़ा महत्व होता है। सिंदूर को महिलाओं के सुहाग की निशानी कहते हैं।

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नवरात्रि हिन्‍दुओं के प्रमुख त्‍योहारों में से एक है। नवरात्रि के दौरान मां दुर्गा के सभी नौ रूपों की पूजा-अर्चना की जाती है। मान्यता है कि नवरात्रि के दिनों में मां के दर्शन और पूजन से विशेष फल मिलता है। देवी मां के दर्शन मात्र से जीवन में सफलता मिलती है और सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है।
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हिंदू धर्म में सिंदूर का बहुत बड़ा महत्व होता है। सिंदूर को महिलाओं के सुहाग की निशानी कहते हैं। नवरात्रि के 10वें दिन यानी दशमी के दिन शादीशुदा महिलाएं सबसे पहले दुर्गा मां को सिंदूर लगाती हैं। इसके बाद एक दूसरे को सिंदूर लगाती हैं। आइये जानतें है कि आखिर ऐसा क्यों करती है?
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दशमी को महलाएं दुर्गा मां को लगाती हैं सिंदूर

नवरात्रि के 10वें दिन यानी दशमी के दिन महिलाएं सबसे पहले दुर्गा मां को सिंदूर लगाती हैं। इसके बाद एक दूसरे को सिंदूर लगाती हैं। इसे ‘सिंदूर खेला’ भी कहा जाता है। दशमी पर सिंदूर लगाने की पंरपरा सदियों से चली आ रही है।
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विसर्जन से पहले महिलाएं सिंदूर से क्यों खेलती हैं?

धर्मिक मान्यताओं के अनुसार, मां दुर्गा हर साल एक बार मायके आती हैं। मान्यताओं के अनुसार, दशमी के दिन देवी मां ससुराल जाती हैं। यानी की दशमी के दिन मायके से विदा होकर ससुराल जाती हैं। जैसा कि हम सभी जानते हैं कि हिन्दू धर्म में सिंदूर का बहुत बड़ा महत्व होता है। सिंदूर महिलाओं के सुहाग की निशानी है। यही कारण दशमी के दिन देवी मां को सिंदुर से उनकी मांग भरकर विदा किया जाता है।

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