हनुमान जयंती महत्व
पवन पुत्र हनुमान जी जन्म से परम तेजस्वी, शक्तिशाली, गुणवान और सेवा भावी थे। हिंदू धर्म में श्री हनुमान जी को राम भक्त एवं भगवान शंकर के अंश अवतार के रूप में में पूजा जाता है। ब्रह्मचारियों के लिए हनुमान जयंती एक बहुत बड़ा पर्व होता है। देवताओं एवं ऋषियों ने- बजरंगबली, पवनसुत, पवनकुमार, महावीर, बालीबिमा, मरुत्सुता, अंजनीसुत, संकट मोचन, अंजनेय, मारुति, रुद्र आदि नामों से हनुमान जी को संबोधित किया है, जिनके उच्चारण या ध्यान मात्र से वे प्रसन्न होकर सहायक बन जाते हैं। धर्म ग्रंथों में वीरों के वीर हनुमान जी को महावीर की उपाधि प्राप्त है, जो स्वयं भगवान महादेव शिवशंकर के 11वें रुद्रावतार माने जाते हैं। उन्होंने अपना जीवन केवल अपने आराध्य भगवान श्री राम और माता सीता की सेवा सहायता के लिए समर्पित कर दिया है।
ऐसे पाएं हनुमान जी की कृपा
अगर इस साल हनुमान जयंती पर हनुमान जी की विशेष कृपा पाना चाहते हैं तो अभी से लेकर 8 अप्रैल हनुमान जयंती पर्व तक ब्रह्मचर्य का पालन करते हुए हर रोज ब्राह्ममुहूर्त में हनुमान जी की मूर्ति या फोटो के माथे पर गाय के घी मिले सिंदूर का तिलक लगातकर 7 बार श्री हनुमान चालीसा का पाठ करें। आखरी दिन श्री सुंदरकांड का पाठ करने के बाद हनुमान जी को बूंदी के लड्डूओं का भोग लगावें। ऐसा करने से प्रसन्न होकर हर कामना पूरी करेंगे बजरंग बली।
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