script20 दिसंबर 2019 : कालाष्टमी पूजा विधि एवं पूजा के लाभ | Kalashtami for Kaal Bhairav Pooja : 20 december 2019 | Patrika News
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20 दिसंबर 2019 : कालाष्टमी पूजा विधि एवं पूजा के लाभ

20 दिसंबर 2019 : कालाष्टमी पूजा विधि एवं पूजा के लाभ

भोपालDec 19, 2019 / 04:01 pm

Shyam

20 दिसंबर 2019 : कालाष्टमी पूजा विधि एवं पूजा के लाभ

20 दिसंबर 2019 : कालाष्टमी पूजा विधि एवं पूजा के लाभ

20 दिसंबर 2019 दिन शुक्रवार को कालाष्टमी तिथि है। इस दिन श्रद्धाभाव भगवान शिव के अंश बाबा कालभैरव की पूजा आराधना करने का शास्त्रोंक्त विधान है। कालाष्टमी तिथि को सूर्योदय एवं सूर्यास्त के समय भगवान कालभैरव की विधिवत पूजा अर्चना करने जीवन में सुख समृद्धि के साथ सभी मनोकामना बाबा काल भैरव पूरी कर देते हैं। अगर कोई व्यक्ति किसी शत्रु से परेशान हो रहा हो तो कालाष्टमी तिथि के दिन उपवास रखकर बाबा काल भैरव से शत्रु बाधा से मुक्ति की प्रार्थना करें तो कुछ ही दिनों में बड़े से बड़े शत्रु भी मित्र बन जाते हैं। जानें कालाष्टमी तिथि पर सरल पूजा विधि एवं उसके लाभ।

 

शुक्रवार को ऐसा करने से प्रसन्न हो जाती है मां संतोषी, होती है हर इच्छा पूरी

 

प्रत्येक माह के कृष्णपक्ष की अष्टमी तिथि को कालाष्टमी पूजा की जाती है। इस दिन भगवान शिव जी के अंश बाबा कालभैरव की पूजा की जाती है। कालाष्टमी को भैरवाष्टमी के नाम से भी जाना जाता है, इसी दिन बाबा कालभैरव की उत्पत्ति हुई थी। कुछ श्रद्धालु कालाष्टमी के दिन विशेष रूप से शत्रुओं का संहार करने वाली माँ दुर्गा की पूजा आराधना भी करते हैं।

 

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ऐसे करें कालाष्टमी पूजा

नारद पुराण में कहा गया है कि कालाष्टमी के दिन कालभैरव और मां दुर्गा की पूजा करने वाले के जीवन के सभी कष्ट दूर होकर हर मनोकामना पूरी हो जाती है। अगर इस रात को देवी महाकाली की विधिवत पूजा व मंत्रो का जप अर्ध रात्रि में करना चाहिए। पूजा करने से पूर्व रात को माता पार्वती और भगवान शिव की कथा पढ़ना या सुनना चाहिए। इस दिन व्रती को फलाहार ही करना चाहिए एवं कालभैरव की सवारी कुत्ते को कहा जाता है इसलिए इस दिन कुत्ते को भोजन जरूर करना चाहिए।

 

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अपनी मनोकामना पूर्ति की कामना से कालाष्टमी के दिन इस भैरव मंत्र का जप सुबह शाम 108 करना चाहिए।

कालभैरव मंत्र

।। ऊँ अतिक्रूर महाकाय कल्पान्त दहनोपम्।
भैरव नमस्तुभ्यं अनुज्ञा दातुमर्हसि।।

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20 दिसंबर 2019 : कालाष्टमी पूजा विधि एवं पूजा के लाभ

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