scriptमाँ धूमावती जयंती 10 जून : सारे कष्ट होंगे दूर, ऐसे करें सोमवार को माता महाशक्ति का पूजन | maa dhumavati jayanti 10 june 2019 | Patrika News

माँ धूमावती जयंती 10 जून : सारे कष्ट होंगे दूर, ऐसे करें सोमवार को माता महाशक्ति का पूजन

locationभोपालPublished: Jun 08, 2019 05:50:36 pm

Submitted by:

Shyam

ऋषि दुर्वासा, भृगु एवं परशुराम ऋषि की इष्ट देवी है माँ धूमावती

maa dhumavati jayanti

माँ धूमावती जयंती 10 जून : सारे कष्ट होंगे दूर, ऐसे करें सोमवार को माता महाशक्ति का पूजन

हिन्दू धर्म ग्रंथों में माँ धूमावती को भगवान शिव की अर्धांगिनी माता पार्वती का ही रूप बताया गया है, जिनका स्वरूप अत्यंत ही उग्र दर्शाया गया है। ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को धूमावती जयंती मनाई जाती है। इनकी पूजा से सभी तरह के दुखों का नाश हो जाता है। 10 जून दिन सोमवार 2019 को माँ धूमावती जयंती पर्व पर ऐसे करें माँ का पूजन।

 

माँ धूमावती अपनी शरण में आएं हुए भक्तों के सभी दुखों का नाश पल भर में कर देती है। अपने वाहन कौवा पर विराजमान, श्वेत वस्त्र धारण कर खुले केश रूपी माँ धूमावती की पूजा विधवा स्वरूप की जाती है। इस दिन दस महाविद्या का पूजन, धूमावती देवी के स्तोत्र का पाठ, सामूहिक जप-अनुष्ठान आदि करने से अथाह पूण्य की प्राप्ति होती है।

 

सुबह 8 बजे से पहले जप लें इनमें से कोई एक मंत्र, तेजी से बढ़ने लगेगी पैसों की आवक

 

इस विधि से करें पूजन

शास्त्रों में माँ धूमावती को दस महाविद्याओं में अंतिम विद्या माना गया और गुप्त नवरात्रि में विशेषकर इनकी पूजा की जाती है। ऐसी मान्यता है कि इस दिन- माँ धूमावती को काले तिल, काले वस्त्र में बांधकर भेट करने से वे अनेक मनोकामना पूरी कर देती है। विधि-विधान से पूजा करने पर मां सभी दुख दर्द दूर कर देती है।

 

धूमावती जयंती यानी की 10 जून सोमवार के दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान आदि से निवृत्त होकर, घर में बने पूजा स्थल को गंगाजल से पवित्र करके जल, पुष्प, सिन्दूर, कुमकुम, अक्षत, फल, धूप, दीप तथा नैवैद्य आदि से माता का पूजन करें। पूजा के बाद माँ धूमावती की स्तुति का पाठ करने से अनेक विघ्नों का नाश हो जाता है। इस दिन घर में परिवार सहित माता की कथा श्रवण करने से घर परिवार में एकता, प्रेम का वातावरण बना रहता हैं।

 

अगर आपके आसपास इस भगवान का मंदिर है तो भूलकर भी इससे ज्यादा परिक्रमा न करें, नहीं तो…

 

माँ धूमावती की जयंती महत्व

पापियों को दण्डित करने के लिए उत्पन्न हुई माँ धूमावती देवी का स्वरुप बड़ा मलिन और भयंकर बताया गया है जिनका स्वरूप विधवा का और वाहन कौवा है। माँ धूमावती श्वेत वस्त्र धारण किए हुए, खुले केश वाली एवं उग्र रूप वाली है। देवी माँ का स्वरूप चाहे जितना उग्र क्यों न हो वह संतान के लिए कल्याणकारी ही होता है। कहा जाता कि माँ धूमावती के दर्शन मात्र से अभीष्ट फल की प्राप्ति होती है। इनका अवतरण ज्येष्ठा नक्षत्र में हुआ था इस कारण इन्हें ज्येष्ठा माता भी कहा जाता है।

 

ऋषि दुर्वासा, भृगु, परशुराम आदि की मूल शक्ति माता धूमावती ही है। सृष्टि का कलह हरने के कारण इनकों कलहप्रिय भी कहा जाता है। देवी माँ की पूजा पाठ करने के लिए चौमासा प्रमुख समय माना गया है इस समय पूजन करने से माँ धूमावती भक्तों के सभी कष्टों को नष्ट कर देती है।

**************

maa dhumavati jayanti
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो