scriptमहाशिवरात्रिः सर्व कामना पूर्ति शिव पंचाक्षरी स्त्रोत | Mahashivratri 2020 : Shiv Panchakshari Strot Path in hindi | Patrika News

महाशिवरात्रिः सर्व कामना पूर्ति शिव पंचाक्षरी स्त्रोत

locationभोपालPublished: Feb 21, 2020 03:32:00 pm

Submitted by:

Shyam

महाशिवरात्रिः सर्व कामना पूर्ति शिव पंचाक्षरी स्त्रोत
 

महाशिवरात्रिः सर्व कामना पूर्ति शिव पंचाक्षरी स्त्रोत

महाशिवरात्रिः सर्व कामना पूर्ति शिव पंचाक्षरी स्त्रोत

महाशिवरात्रि का दिन देवों के देव आदि देव भगवान शंकर की पूजा के लिए सबसे सर्वोत्तम दिन माना जाता है। इस दिन अनेक शिव भक्त शिवजी की कृपा पाने के लिए कई तरह के उपाय, मंत्र जप, शिव स्तुति का पाठ आदि कर्म करते हैं। अगर भगवान महादेव की को प्रसन्न कर मनचाहा वरदान चाहते हो तो महाशिवरात्रि के दिन शिव जी की इस पंचाक्षरी स्त्रोत का पाठ जरूर करें। इसके पाठ से बड़े से बड़े पापों के दुष्फल से भी मुक्ति मिल जाती है, एवं मनचाही कामना पूर्ति होने लगते हैं।

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।। अथ पंचाक्षर स्त्रोत ।।

नीचे दी गई पंचाक्षर स्त्रोत स्तुति साधना करने के पूर्व विधिवत शिवलिंग का पंचोपचार पूजन करें।

1- नागेन्द्रहाराय त्रिलोचनाय भस्माङ्गरागाय महेश्वराय।
नित्याय शुद्धाय दिगम्बराय तस्मै नकाराय नम: शिवाय।।
2- मन्दाकिनीसलिलचन्दनचर्चिताय, नन्दीश्वरप्रमथनाथमहेश्वराय।
मन्दारपुष्पबहुपुष्पसुपूजिताय, तस्मै मकाराय नम: शिवाय।।

महाशिवरात्रिः सर्व कामना पूर्ति शिव पंचाक्षरी स्त्रोत

3- शिवाय गौरीवदनाब्जवृन्द सूर्याय दक्षाध्वरनाशकाय।
श्रीनीलकण्ठाय वृषध्वजाय, तस्मै शिकाराय नम: शिवाय।।

4- वसिष्ठकुम्भोद्भवगौतमार्य मुनीन्द्रदेवार्चितशेखराय।
चन्द्रार्कवैश्वानरलोचनाय, तस्मै वकाराय नम: शिवाय।।

5- यक्षस्वरूपाय जटाधराय, पिनाकहस्ताय सनातनाय।
दिव्याय देवाय दिगम्बराय, तस्मै यकाराय नम: शिवाय।।
6- पञ्चाक्षरमिदं पुण्यं य: पठेच्छिवसन्निधौ।
शिवलोकमवाप्नोति शिवेन सह मोदते।।

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पंचाक्षर स्त्रोत के अलावा सर्व पापनासक इस स्तुति मंत्र का पाठ भी करें-

।। शिव स्तुति मंत्र ।।

1- पशूनां पतिं पापनाशं परेशं गजेन्द्रस्य कृत्तिं वसानं वरेण्यम।
जटाजूटमध्ये स्फुरद्गाङ्गवारिं महादेवमेकं स्मरामि स्मरारिम।।

2- महेशं सुरेशं सुरारातिनाशं विभुं विश्वनाथं विभूत्यङ्गभूषम्।
विरूपाक्षमिन्द्वर्कवह्नित्रिनेत्रं सदानन्दमीडे प्रभुं पञ्चवक्त्रम् ।।

3- गिरीशं गणेशं गले नीलवर्णं गवेन्द्राधिरूढं गुणातीतरूपम्।
भवं भास्वरं भस्मना भूषिताङ्गं भवानीकलत्रं भजे पञ्चवक्त्रम्।।
4- शिवाकान्त शंभो शशाङ्कार्धमौले महेशान शूलिञ्जटाजूटधारिन्।
त्वमेको जगद्व्यापको विश्वरूप: प्रसीद प्रसीद प्रभो पूर्णरूप।।

महाशिवरात्रिः सर्व कामना पूर्ति शिव पंचाक्षरी स्त्रोत

5- परात्मानमेकं जगद्बीजमाद्यं निरीहं निराकारमोंकारवेद्यम्।
यतो जायते पाल्यते येन विश्वं तमीशं भजे लीयते यत्र विश्वम्।।

6- न भूमिर्नं चापो न वह्निर्न वायुर्न चाकाशमास्ते न तन्द्रा न निद्रा।
न गृष्मो न शीतं न देशो न वेषो न यस्यास्ति मूर्तिस्त्रिमूर्तिं तमीड।।

7- अजं शाश्वतं कारणं कारणानां शिवं केवलं भासकं भासकानाम्।
तुरीयं तम:पारमाद्यन्तहीनं प्रपद्ये परं पावनं द्वैतहीनम।।

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8- नमस्ते नमस्ते विभो विश्वमूर्ते नमस्ते नमस्ते चिदानन्दमूर्ते।
नमस्ते नमस्ते तपोयोगगम्य नमस्ते नमस्ते श्रुतिज्ञानगम्।।

9- प्रभो शूलपाणे विभो विश्वनाथ महादेव शंभो महेश त्रिनेत्।
शिवाकान्त शान्त स्मरारे पुरारे त्वदन्यो वरेण्यो न मान्यो न गण्य:।।

10- शंभो महेश करुणामय शूलपाणे गौरीपते पशुपते पशुपाशनाशिन्।
काशीपते करुणया जगदेतदेक-स्त्वंहंसि पासि विदधासि महेश्वरोऽसि।।

11- त्वत्तो जगद्भवति देव भव स्मरारे त्वय्येव तिष्ठति जगन्मृड विश्वनाथ।
त्वय्येव गच्छति लयं जगदेतदीश लिङ्गात्मके हर चराचरविश्वरूपिन।।

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