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मकर संक्रान्ति पर आसमां छूने की होगी होड़, लोग कमाएंगे पुण्य

Published: Jan 14, 2016 02:52:00 pm

सूर्य जब मकर राशि में प्रवेश करता है, तब मकर संक्रांति का पर्व मनाया जाता है। यह संयोग 15 जनवरी को बन रहा है, यह तिथि पुण्य स्नान व दान के लिए विशेष मानी गई है

kite festival on makar sankranti

kite festival on makar sankranti

यूं तो मकर संक्रान्ति पूरे देश में अलग-अलग तरह सी मनाई जाती है फिर भी हर जगह की अपनी एक खासियत इसे बेहद अलग रूप दे देती है। मकर संक्रान्ति का ऐसा ही एक रूप जयपुर में पतंगबाजी का त्यौहार बन कर आता है। मकर संक्रांति पर यहां जमकर पतंगबाजी होगी। अलसुबह से ही शहर छतों पर नजर आएगा।

हर किसी के हाथ में डोर और निगाहें आसमान की ओर होगी। आसमान दिनभर रंग-बिरंगी पतंगों से सतरंगी नजर आएगा। वो काटा के शोर के साथ चहुंओर संगीत की धुनें गूजेंगी। इस बार कोई राहुल, कोई मोदी तो कोई केजरीवाल पतंग उड़ाएगा। बीच-बीच में चाय-पकौड़ों के साथ फीणियों का स्वाद चखेंगे। शादी के बाद पहली संक्रांति मनाने वालों के लिए यह खास और यादगार रहेगी।

इस बार 15 जनवरी को है मकर संक्रान्ति

सूर्य जब मकर राशि में प्रवेश करता है, तब मकर संक्रांति का पर्व मनाया जाता है। यह संयोग 15 जनवरी को बन रहा है। पं. यदुवंशमणि त्रिपाठी ने बताया कि काशी पंचांग में सूर्योदय प्रात: 6.42 पर होगा और 7.46 बजे सूर्य का मकर राशि में प्रवेश होगा। यह तिथि पुण्य स्नान और दान के लिए विशेष मानी गई है।



स्थिति इस प्रकार रहेगी
मकर संक्रांति की स्थिति : उर्द, वाहन बाराह, उपवाहन वृषभ, वस्त्र हरा, उपवस्त्र चिम वस्त्र, फल उत्तम, आयुष खडग़ है।

पवित्र नदियों, सरोवरों पर स्नान से मिलता है पुण्य

संक्रांति पर सूर्योदय से सूर्यास्त तक दानपुण्य का दौर चलेगा। लोग अलसुबह गलता में स्नान करने के लिए उमड़ेंगे। लोग जरूरतमंदों को भोजन और जरूरत की वस्तुएं दान करेंगे। वहीं जगह-जगह गायों को हरा चारा भी खिलाया जाएगा। मकर संक्रांति पर तालाब, पवित्र नदियों में स्नानादि आदि करके तिल, कम्बल आदि सामग्री का दान करना फलदायी होता है। लोग मकर संक्रांति पर गंगा स्नान करने भी जाते हैं। राजधानी में महादेवघाट में लोग पुण्य स्नान कर हटकेश्वरनाथ महादेव की पूजा-अर्चना करने पहुंचेंगे।

पतंग उड़ाने की होगी रात में ही तैयारी

सुबह सूरज निकले से पहले ही लोगों में पतंग उड़ाने की होड़ रहेगी। इसके लिए रात को ही तैयारी कर ली जाती है। बच्चों ने पतंगों में तंग डाल लिए। संगीत की धुनों में पतंगों का आनंद लेने को म्यूजिक सिस्टम छतों पर लगा लिए।

ठाकुरजी उड़ाएंगे पतंग

मकर संक्रांति पर मंदिरों में पतंगोत्सव मनाया जाएगा। इस मौके पर मंदिरों में विराजित ठाकुरजी राधारानी संग पतंग उड़ातें नजर आएंगे। इस मौके पर ठाकुरजी को तिल के व्यंजनों, फीणी और खीर का भोग लगाया जाएगा।

पतंगबाजी में इन बातों का रखें ध्यान

(1) बेहद तीखे मांझे से पतंग नहीं उड़ाएं
(2) पतंग उड़ाते समय हाथों में दस्तानें पहन लें, आंखों पर चश्मा लगाएं
(3) गले, कान, नाक, मुंह, अंगुलियों, हाथ व पैरों को ढककर रखें
(4) आसमान पर नजर रखने के साथ ही छत पर आसपास का भी ध्यान रखें
(5) बच्चों को छत पर अकेला नहीं भेजें
(6) पतंग लूटने के लिए एक से दूसरी छत पर ना कूदे, सड़क पर दौड़ न लगाएं

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