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24 जनवरी को मौनी अमावस्या, जानें शुभ मुहूर्त और महत्व

locationभोपालPublished: Jan 17, 2020 05:27:33 pm

Submitted by:

Devendra Kashyap

मौनी अमावस्या के दिन मौन रहकर व्रत करने वाले व्यक्ति को मुनि पद की प्राप्ति होती है।

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हिन्दू पंचांग के अनुसार, माघ माह में आने वाली अमावस्या को माघ अमावस्या या मौनी अमावस्या कहा जाता है। इस दिन मनुष्य को मौन रहना चाहिए और गंगा, यमुना या अन्य पवित्र नदियों, जलाशय अथवा कुंड में स्नान करना चाहिए।

धार्मिक मान्यता के अनुसार, मुनि शब्द से ही मौनी की उत्पत्ति हुई है। इसलिए इस दिन मौन रहकर व्रत करने वाले व्यक्ति को मुनि पद की प्राप्ति होती है। माघ मास में होने वाले स्नान का सबसे महत्वपूर्ण पर्व अमावस्या ही है। इस दिन स्नान और दान-पुण्य का विशेष महत्व है।

माघ अमावस्या का महत्व

माघ अमावस्या पर मौन रहने का विशेष महत्व बताया गया है। अगर इस दिन मौन रहना संभव न हो तो अपने मुख से कटु वचन न बोलें। वैदिक ज्योतिष में चंद्रमा को मन का कारक कहा गया है और अमावस्या के दिन चंद्र दर्शन नहीं होते हैं। इससे मन की स्थिति कमजोर रहती है।

शास्त्रों के अनुसार, माघ मास में पूजन-अर्चन व नदी स्नान करने से भगवान नारायण को प्राप्त किया जा सकता है। मान्यता है कि इन दिनों नदी में स्नान करने से स्वर्ग प्राप्ति का मार्ग मिल जाता है। मौनी अमावस्या के दिन सूर्य को अर्घ्य देने से गरीबी और दरिद्रता दूर हो जाती है।

इसलिए इस दिन मौन व्रत रखकर मन को संयम में रखने का विधान है। इस दिन व्रती को मौन धारण करते हुए दिन भर मुनियों सा आचरण करना पड़ता है, इसी कारण यह अमावस्या मौनी अमावस्या कहलाती है। इस साल मौनी अमावस्या का त्यौहार 24 जनवरी ( शुक्रवार ) को है।


शुभ मुहूर्त

अमावस्या तिथि प्रारंभ : 24 जनवरी को सुबह 2.17 बजे से

अमावस्या तिथि समाप्त : 25 जनवरी को सुबह 3.11 बजे तक

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