27 और 28 जुलाई को है नागपचंमी, इन उपायों से दूर होंगे कालसर्पदोष और राहू
Published: Jul 27, 2017 03:39:00 pm
इस वर्ष 27 और 28 जुलाई दो दिन नागपंचमी मनाई जा रही हैं
इस वर्ष 27 और 28 जुलाई दो दिन नागपंचमी मनाई जा रही हैं। इस दिन भगवान शिव तथा नागों की पूजा की जाती हैं। विद्वान ज्योतिषियों के अनुसार इन दिन किए गए उपायों से कालसर्पदोष तथा राहू-केतु के दुष्प्रभावों से सदा के लिए मुक्ति मिल जाती हैं। आइए जानते हैं इस दिन किन उपायों से आपकी किस्मत बदल सकती है और आप रातों-रात मालामाल हो सकते हैं।
नागपंचमी पर पूजा की विधि
सुबह जल्दी ही स्नान कर साफ-स्वच्छ वस्त्र धारण करें। पूजा के लिए चावल तथा सेवई आदि बनाएं। इसके बाद दीवार पर गेरू से पूजन का स्थान बनाएं और कच्चे दूध में कोयला पीसकर सांप की तीन आकृतियां बनानी चाहिए। इन आकृतियों पर पहले जल छिड़ककर नाग देवता का आवाहन करना चाहिए। इसके बाद उस पर हल्दी, कुमकुम, पुष्प चढ़ाकर नाग देवता से कुशलता की प्रार्थना करनी चाहिए। उन्हें खीर या मिष्ठान्न का भोग अर्पित करना चाहिए। इसका मंत्र निम्न है-
सर्वे नागा: प्रीयन्तां मे ये केचित् पृथ्वीतले।
ये च हेलिमरीचिस्था ये अन्तरे दिवि संस्थिता:।।
ये नदीषु महानागा ये सरस्वतिगामिन:।
ये च वापीतडागेषु तेषु सर्वेषु वै नम:।।
इसके बाद सोने, चांदी, काठ व मिट्टी की कलम तथा हल्दी व चंदन की स्याही से अथवा गोबर से घर के मुख्य दरवाजे के दोनों बगलों में पाँच फन वाले नागदेव अंकित कर पूजते हैं।
फिर दीवाल पर बनाए गए नागदेवता की दधि, दूर्वा, कुशा, गंध, अक्षत, पुष्प, जल, कच्चा दूध, रोली और चावल आदि से पूजन कर सेंवई व मिष्ठान से उनका भोग लगाते हैं। सबसे अंत में आरती कर कथा सुननी चाहिए।
नागपंचमी पर सर्प को न पिलाएं दूध
बहुत से लोग नागपंचमी पर नागों को दूध भी पिलाते हैं। हालांकि ज्योतिष के जानकारों की मान्यता है कि सर्प या नाग को कभी भी दूध नहीं पिलाना चाहिए। इसके उल्टे प्रभाव पड़ते हैं, जो नुकसानदेह साबित हो सकते हैं। बल्कि नागों को केवल दूध और जल छिड़कर स्नान कराना चाहिए। हल्दी, रोली, पुष्प, चंदन, यथा शक्ति दृव्य आदि अर्पित करके उनका पूजन करना चाहिए। इससे कुंडली के अन्य दोषों का भी समाधान हो जाता है।
नागपंचमी का महत्व
नागपंचमी के दिन भगवान शिव के आभूषण की पूजा की जाती है। नागों की पूजा करके आध्यात्मिक शक्ति, सिद्धियां और अपार धन की प्राप्ति की जा सकती है। इस दिन नागों को दूध पिलाना फलदायी माना गया है।
ये है नागपंचमी पर पूजा के लिए शुभ मुहुर्त
इस दिन पूजा के लिए सुबह 7 बजकर 1 मिनट से लेकर 28 जुलाई को 9 बजकर 16 मिनट का समय पूजा-पाठ के लिए शुभ माना जाता है।
नागपचंमी को करें ये उपाय
(1) नागपंचमी के दिन नाग के निवास स्थान अर्थात बांबी की पूजा करनी चाहिए।
(2) इस दिन शिव मंदिर में जाकर शिवलिंग पर दूध तथा जल अर्पित कर भगवान शिव की पूजा करनी चाहिए।
(3) नागपंचमी के दिन कालसर्पदोष दूर करने हेतु पूजा करने से विशेष लाभ होता है।
(4) इस दिन सुगंधित पुष्प तथा चंदन से नाग की पूजा करनी चाहिए।
(5) यदि कहीं कोई सर्प बंदी दिखे तो उसे मुक्त करवाना चाहिए।
(6) इस दिन ॐ कुरुकुल्ये हुं फट् स्वाहा मंत्र को जप करके सिद्ध कर लेना चाहिए। बाद में जिसे भी इस मंत्र को पढकर झाड़ा देंगे उसका सर्पविष दूर हो जाएगा और वो स्वस्थ हो जाएगा।