script

Nag panchami Rituals: इस दिन यहां होती है गुड़िया की पीटाई, जानें इसका महत्व

locationभोपालPublished: Aug 04, 2019 01:24:57 pm

Submitted by:

Tanvi Tanvi Sharma

Nag panchami Rituals: नागपंचमी के दिन गुड़िया को पीटने की अनूठी परंपरा निभाई जाती है

nag panchami rituals

सावन के पवित्र महीने में शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को नागपंचमी का त्यौहार मनाया जाता है। नागपंचमी के दिन नागों की पूजा की जाती है, क्योंकि नाग देवों के आभूषण होते हैं। इनकी पूजा से कई दोष दूर होते हैं। लेकिन नागपंचमी ( nag panchami ) पर इसके अलावा भी कई राज्यों में कई प्रकार की परंपराएं निभाई जाती हैं। जैसे- सापों को दूध पिलाने की परंपरा, या फिर घर के दरवाज़े पर गोबर की सर्पाकृति बनाकर उसकी पूजा करने की परंपर, लेकिन इन सब के अलावा उत्तरप्रदेश राज्य में एक अलग व अनोखी परंपरा निभाई जाती है। जिसके अनुसार इस दिन गुड़िया ( Gudiya parampara ) को पीटा जाता है।

उत्तरप्रदेश में यह पौराणिक परंपरा कई सालों से चली आ रही हैं। वहां इस दिन गुड़िया को पीटने की अनूठी परंपरा निभाई जाती है। इस सबंध में इसके पीछे कई कहानियां प्रचलित हैं। आइए जानते हैं इस अनोखी परंपरा के पीछे क्या है कारण…

 

nag panchami rituals

परंपरा से प्रचलित कथा के अनुसार ये है कारण

इस संबंध में प्रचलित कथा के अनुसार तक्षक नाग ( takshak nag )के काटने से राजा परीक्षित की मौत हो गई थी। कुछ समय बाद तक्षक की चौथी पीढ़ी की बेटी की शादी राजा परीक्षित की चौथी पीढ़ी में हुई। जब वह शादी करके ससुराल में आई तो उसने यह राज एक सेविका को बता दिया और उससे कहा कि वह यह बात किसी से न कहें, लेकिन सेविका से रहा नहीं गया और उसने यह बात किसी दूसरी महिला को बता दी। इस तरह बात फैलते-फैलते पूरे नगर में फैल गई। इस बात से तक्षक के राजा को क्रोध आ गया और क्रोधित होकर उसने नगर की सभी लड़कियों को चौराहे पर इकट्ठा होने का आदेश देकर कोड़ों से पिटवाकर मरवा दिया। तभी से उत्तरप्रदेश में यह परंपरा मनाई जा रही है।

nag panchami rituals

एक अन्य कथा के अनुसार

कहानी के अनुसार एक बार एक लड़की का भाई भगवान भोलेनाथ का परम भक्त था और वह प्रतिदिन मंदिर जाता था। उस मंदिर में उसे हर रोज ‘नाग’ देवता ( nag devta ) के दर्शन होते थे। वह लड़का हर दिन नाग देवता को दूध पिलाने लगा और धीरे-धीर दोनों में प्रेम हो गया। नाग देवता को उस लड़के से इतना प्रेम हो गया कि वो उसे देखते ही अपनी मणि छोड़ उसके पैरों में लिपट जाता था। इसी तरह एक दिन श्रावण के महीने में दोनों भाई-बहन एकसाथ मंदिर गए।

मंदिर में जाते ही ‘नाग’ देवता लड़के को देखते ही उसके पैरों से लिपट गया और बहन ने जब यह नजारा देखा तो उसके मन में भय उत्पन्न हुआ। उसे लगा कि नाग उसके भाई को काट रहा है। तब लड़की ने भाई की जान बचाने के लिए नाग को पीट-पीटकर मार डाला। इसके बाद जब भाई ने पूरी कहानी बहन को सुनाई तो वह रोने लगी। फिर वहां उपस्थित लोगों ने कहा कि ‘नाग’ देवता का रूप होते हैं इसीलिए तुम्हें दंड तो मिलेगा, चूंकि यह पाप अनजाने में हुआ है इसलिए कालांतर में लड़की की जगह गुड़िया को पीटा जाएगा। इस तरह गुड़िया पीटने की परंपरा शुरू हुई।

ट्रेंडिंग वीडियो