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पुत्रदा एकादशी 6 जनवरी : जानें व्रत के नियम एवं शुभफल

locationभोपालPublished: Jan 05, 2020 03:48:18 pm

Submitted by:

Shyam

पुत्रदा एकादशी 6 जनवरी : जानें व्रत के नियम एवं शुभफल

पुत्रदा एकादशी 6 जनवरी : जानें व्रत के नियम एवं शुभफल

पुत्रदा एकादशी 6 जनवरी : जानें व्रत के नियम एवं शुभफल

6 जनवरी दिन सोमवार को पौष मास की पुत्रदा एकादशी तिथि है। इस एकादशी को व्रत उपवास रखने से निःसंतानों को संतान सुख की प्राप्ति हो जाती है। अगर पुत्रदा एकादशी के दिन इन नियमों का पालन करते हुए व्रत रखकर भगवान श्रीकृष्ण के बाल रूप की पूजा आराधना करने से व्रती को इच्छित फल की प्राप्ति होने लगती है।

 

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1- जुआ खेलना- मार्गशीर्ष एकादशी तिथि को जुआ नहीं खेलना चाहिए। इस दिन ऐसा करने से वंश का नाश हो जाता है।

2- रात में सोना- मार्गशीर्ष एकादशी तिथि की रात को सोना नहीं चाहिए, पूरी रात जागकर भगवान विष्णु की भक्ति, मंत्र जप और भजन करना चाहिए, भगवान विष्णु की प्रतिमा या तस्वीर के निकट बैठकर भजन करते हुए ही जागरण करना चाहिए, इससे भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त होती है।

3- पान खाना- मार्गशीर्ष एकादशी तिथि को पान खाना भी वर्जित माना गया है, पान खाने से मन में रजोगुण की प्रवृत्ति बढ़ती है, इसलिए एकादशी के दिन पान न खा कर व्यक्ति को सात्विक आचार-विचार रख प्रभु भक्ति में मन लगाना चाहिए।

 

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4- दातून करना- मार्गशीर्ष एकादशी तिथि को दातून (मंजन) करने की भी नहीं करना चाहिए।

5- दूसरों की बुराई से बचना- मार्गशीर्ष एकादशी तिथि को दूसरों की बुराई नहीं करना चाहिए। इस दिन परनिंदा करने से मन में दूसरों के प्रति कटु भाव आ सकते हैं।

6- चुगली करना- मार्गशीर्ष एकादशी तिथि को किसी की अन्य व्यक्ति की चुगली नहीं करना चाहिए।

7- चोरी करना- मार्गशीर्ष एकादशी तिथि को चोरी करने से चोरी करने वाली 7 पीढ़ियों को उसका पाप लगता है।

8- हिंसा करना- मार्गशीर्ष एकादशी तिथि के दिन शरीर या मन से किसी भी प्रकार की हिंसा नहीं करना चाहिए।

 

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9- स्त्रीसंग- मार्गशीर्ष एकादशी तिथि को स्त्रीसंग करना भी वर्जित है क्योंकि इससे भी मन में विकार उत्पन्न होता है और ध्यान भगवान भक्ति में नहीं लगता। इसलिए इस दिन स्त्रीसंग नहीं करना चाहिए।

10- क्रोध- मार्गशीर्ष एकादशी तिथि को क्रोध भी नहीं करना चाहिए। अगर किसी से कोई गलती हो भी जाए तो उसे माफ कर देना चाहिए और मन शांत रखना चाहिए।

11- झूठ बोलना- मार्गशीर्ष एकादशी तिथि के दिन भूलकर भी झूठ नहीं बोलना चाहिए।

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