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Raksha Bandhan Shubh Muhurat 2021 रक्षा बंधन पर इस समय तक रहेगा राहुकाल, ये मुहूर्त हैं शुभ

Published: Aug 22, 2021 06:10:54 am

Submitted by:

deepak deewan

Raksha Bandhan 2021 Date & Shubh Muhurat रक्षाबंधन 2021 तिथि और शुभ मुहुर्त

Raksha bandhan 2021

Raksha bandhan 2021

Raksha Bandhan 2021 Date & Shubh Muhurat भाई—बहन का स्नेह पर्व रक्षाबंधन यानि राखी अब नजदीक है. सनातन धर्म में रक्षाबंधन का पर्व बहुत खास माना गया है. सावन पूर्णिमा को मनाए जाने वाले इस त्यौहार का पौराणिक ग्रंथों में भी उल्लेख है. पर्व पास आने से खरीदी के लिए बाजार में चहल—पहल बढ़ गई है. राखी—रुमाल—मिठाई आदि की दुकानों में खासी भीड़ देखी जा रही है.

इस साल सावन पूर्णिमा 22 अगस्त रविवार के दिन है. इसी दिन रक्षाबंधन मनाया जाएगा. खास बात यह है कि इस बार रक्षाबंधन पर भद्रा का योग नहीं है. ज्योतिषाचार्य पंडित सोमेश परसाई बताते हैं कि इस बार भद्रा 23 अगस्त 2021, सोमवार सुबह यानि दूसरे दिन रहेगी. हालांकि ऐसे मेें भी रक्षासूत्र बांधने में एक अड़चन है—राहुकाल की. राहुकाल में कोई भी शुम काम नहीं किया जाता है. 22 अगस्त को राहुकाल शाम 5.16 बजे से शाम 6.54 मिनट तक रहेगा. इस अवधि में बहनें, भाई को राखी न बांधे.
सावन पूर्णिमा यानि राखी का शुभ मुहूर्त
पूर्णिमा तिथि प्रारंभ— 21 अगस्त 2021 शाम 07 बजे
पूर्णिमा तिथि समापन— 22 अगस्त 2021 शाम 05.31 बजे
रक्षाबंधन का शुभ मुहूर्त— 22 अगस्त सुबह 06.15 बजे से शाम 05.16 बजे
चौघडिया के अनुसार शुभ मुहुर्त-

सुबह 07.42 बजे से 09.17 बजे तक (चर)
सुबह 09.18 बजे से 10.52 बजे तक (लाभ)
सुबह 10.53 बजे से दोप. 12.27 बजे तक (अमृत)
दोपहर 02.02 बजे से 03.37 बजे तक (शुभ)
शाम 06.47 बजे से रात्रि 08.12 बजे तक (शुभ)
रात 08.13 बजे से 09.37 बजे तक (अमृत)
रक्षाबंधन पर सबसे पहले शिवलिंग पर रक्षासूत्र अर्पित करना चाहिए। सावन पूर्णिमा पर शिवाभिषेक कर बिल्वपत्र चढ़ाएं। इसके बाद सुविधानुसार किसी भी शुभ मुहर्त में भाई की आरती उतारकर उनकी कलाई पर राखी बांधना चाहिए.यथासंभव भाई के दाएं हाथ की कलाई पर ही राखी बांधें. इसके बाद भाई का मुंह मीठा कराना चाहिए. राखी के दिन हो सके तो विवाहिता बहने भाई को अपने घर आमंत्रित करें और यहां राखी बांधकर उन्हें भोजन भी कराएं.
ज्योतिष के जानकारों के अनुसार इस बार पूर्णिमा तिथि दिनभर बनी रहेगी. इस कारण सुबह से शाम तक पर्व मनाया जा सकता है. विशेष मुहुर्त और शुभ चौघडिया के अलावा अन्य शुभ मुहुर्त भी हैं. 22 अगस्त को सुबह 04.33 बजे से 05.21 बजे तक ब्रह्म मुहूर्त, सुबह 09.34 बजे से 11:07 बजे तक अमृत काल और 12:04 बजे से 12:55 बजे तक अभिजीत मुहूर्त है, इन मुहुर्तों में रक्षासूत्र बांधना भी अति शुभ होगा.
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