Rakshabandhan 2021: आज बाजारों में तरह-तरह की राखियां देखने को मिलती हैं। लेकिन हमारे शास्त्रों में शुभ-अशुभ बातों को त्योहार मनाने की विधियों अथवा मुहूर्त से जोड़ा जाता है। इसी वजह से बहनों द्वारा भाइयों को किस तरह की राखियां बांधनी चाहिए इसके पीछे भी अपनी एक ठोस वजह है।
Rakshabandhan 2021:
नई दिल्ली। Rakshabandhan 2021: भाई-बहन के अटूट बंधन को दर्शाने वाला रक्षाबंधन का त्योहार हर वर्ष सावन महीने की पूर्णिमा को मनाया जाता है। इस साल यह त्योहार 22 अगस्त को मनाया जाएगा। राखी का त्योहार बहनों द्वारा भाई को रक्षा सूत्र बांधकर उनकी लंबी उम्र की कामना के प्रतीक के रूप में बड़े ही प्रेम से मनाया जाता है। बहनों द्वारा रक्षा सूत्र बांधने के बदले में भाइयों द्वारा उनकी रक्षा का वचन भी दिया जाता है। रक्षाबंधन का त्योहार हर क्षेत्र और हर धर्म के लोगों द्वारा प्रेम पूर्वक मनाया जाता है। पुराने समय से वर्तमान तक कई मान्यताएं, परंपराएं बदल चुकी हैं और त्योहारों को मनाने का अंदाज भी। आइए जानते हैं रक्षाबंधन के पावन पर्व पर भाइयों की कलाई पर बहनें किस तरह की राखियां बांध सकती हैं या किस-किस तरह की राखियां नहीं बांध सकती हैं-
• बहनें कभी भी भाइयों के लिए प्लास्टिक से बनी हुई राखियां ना खरीदें क्योंकि प्लास्टिक को केतु और अपयश के प्रतीक के रूप में जाना जाता है। • भाई-बहन के प्रेम के संकेत राखी के इस त्योहार पर बहनें लोहे की वस्तुओं से बनी हुई राखियां भी ना बांधे क्योंकि ये ज्योतिर्विदों द्वारा निषेध मानी गई हैं।
• राखियां खरीदते वक्त बहनें इस बात का अवश्य ध्यान रखें कि राखी में किसी भी तरह की कोई धारदार या नुकीली वस्तु का प्रयोग ना हुआ हो। • जाने अनजाने में टूटी या खंडित हुई राखियां भी भाई की कलाई पर नहीं बांधनी चाहिए क्योंकि यह अशुभ माना जाता है।
• बाजार में राखी खरीदने जाते वक्त इस बात का ध्यान भी रखें कि कुछ रंग जैसे काला, सलेटी, गहरा नीला आदि के रंगों वाली राखियां ना खरीदें। • ऐसी राखियां भी ना खरीदें जिनमें किसी भी भगवान या देवता का कोई चित्र बना हुआ हो। क्योंकि कई बार राखियां नीचे गिर जाती हैं या खंडित हो जाती है तो वह भी अशुभ माना जाता है।
इसके अतिरिक्त रक्षाबंधन के लिए बहनें कलावे, सूती धागे, रेशम के धागे आदि से बनी हुई रंग-बिरंगी राखियां भाइयों के सलामती और यश वृद्धि के लिए खरीद सकती हैं। रक्षाबंधन का यह त्योहार भाई-बहन के आपसी प्रेम यह त्योहार के रूप में जाना चाहता है इसलिए एक सूती रेशमी धागा ही उस बंधन को जीवंत रखने के लिए काफी है।