scriptरमा एकादशी 24 अक्टूबर : व्रत पूजा करने से व्रती की सैकड़ों मनोकामनाएं हो जाती है पूरी | Rama Ekadashi Vrat Puja Vidhi 24 october 2019 | Patrika News

रमा एकादशी 24 अक्टूबर : व्रत पूजा करने से व्रती की सैकड़ों मनोकामनाएं हो जाती है पूरी

locationभोपालPublished: Oct 21, 2019 02:46:51 pm

Submitted by:

Shyam

Rama Ekadashi Vrat Puja Vidhi : रमा एकादशी के दिन व्रत रखकर भगवान विष्णु के पूर्णावतार केशव रूप की पूजा करने से व्रती की सैकड़ों मनोकामनाएं पूरी हो जाती है।

रमा एकादशी 24 अक्टूबर : व्रत पूजा करने से व्रती की सैकड़ों मनोकामनाएं हो जाती है पूरी

रमा एकादशी 24 अक्टूबर : व्रत पूजा करने से व्रती की सैकड़ों मनोकामनाएं हो जाती है पूरी

हर साल कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की एकदशी तिथी को रमा एकादशी के रूप में मनाया जाता है। इस साल 2019 में रमा एकादशी व्रत 24 अक्टूबर 2019 दिन गुरुवार को है। शास्त्रोंक्त मान्यता है कि रमा एकादशी के दिन व्रत रखने से अन्य दिनों एवं एकादशी व्रत के पुण्यफल से हजारों गुणा अधिक शुभफल मिलता है। रमा एकादशी के दिन व्रत रखकर भगवान विष्णु के पूर्णावतार केशव रूप की पूजा करने से व्रती की सैकड़ों मनोकामनाएं पूरी हो जाती है। इस दिन नीचे बताएं गए नियमों का पालन अवश्य करना चाहिए। जानें रमा एकादशी व्रत पूजा विधि एवं महत्व।

रमा एकादशी 24 अक्टूबर : व्रत पूजा करने से व्रती की सैकड़ों मनोकामनाएं हो जाती है पूरी

रमा एकादशी पूजा विधि

रमा एकादशी के व्रत के दिन व्रती सूर्योदय से पूर्व स्नानादि से निविवृत्त हो जाएं। इस दिन भगवान विष्णु के केशव रूप की पूजा करना चाहिए। संभव हो तो इस दिन भगवान का षोडषोपचार पूजन करें, या धूप, दीप, नैवेद्य, पुष्प एवं ऋतुफल से पूजा करना चाहिए। इस दिन व्रती को फलाहार रहना चाहिए, सुबह, दोपहर एवं शाम को विधिवत भगवान की पूजा करना चाहिए। इस दिन पूजा में ताजे तुलसी के पत्तों का प्रयोग करना चाहिए।

रमा एकादशी 24 अक्टूबर : व्रत पूजा करने से व्रती की सैकड़ों मनोकामनाएं हो जाती है पूरी

रमा एकादशी के दिन इन नियमों का पालन करें-

– इस दिन कांसे के बर्तन में भूलकर भी भोजन नहीं करना चाहिए।
– मांस मदिरा, मसूर की दाल, चने व कोदों की सब्‍जी एवं शहद का सेवन भी नहीं करना चाहिए ।
– भूमि शयन करते हुए कामवासना का त्‍याग करना चाहिए।
– व्रत वाले दिन किसी भी प्रकार के गलत काम नहीं करना चाहिए।
– इस दिन पान खाने और दातुन करने से बचना चाहिए है।
– किसी की बुराई और चुगली नहीं करना चाहिए।
– इस दिन उपावास रखने वाले जातक क्रोध न करें और न ही झूठ बोलें।
– वरूथिनी एकादशी के दिन नमक, तेल और अन्‍न वर्जित है।

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रमा एकादशी तिथि
एकादशी तिथि 24 अक्टूबर को सूर्योदय से ही आरंभ हो जाएगी जो इसी दिन रात्रि में 10 बजकर 16 मिनट पर समाप्त हो जाएगी। रमा एकादशी के दिन संभव हो तो अधिक से अधिक समय मौन रहकर प्रभु नाम का जप करें।

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