वैसे तो संकष्टी चतुर्थी का व्रत और पूजन हर महीने में होता है लेकिन वैशाख मास के कष्ण पक्ष की संकष्टी चतुर्थी को धर्म शास्त्र के जानकार बहुत ही शुभ और सर्व फलदायी बताते हैं। इस दिन व्रत रखकर भगवान श्रीगणेश जी की विशेष पूजा अर्चना करने से वे शीघ्र प्रसन्न हो जाते हैं और अपने भक्त की सभी मनोकामना पूरी करते हैं।
शनिवार 11 अप्रैल संकष्टी चतुर्थी के दिन श्रीगणेश भगवान का ऐसे करें पूजन-
1- संकष्टी चतुर्थी के दिन सूर्योदय से पहले उठकर गंगाजल मिले जल से स्नान करें।
2- श्रीगणेश जी कृपा प्राप्ति के भाव से इस दिन व्रत रखने का संकल्प लें।
3- उत्तर दिशा की ओर मुंह करके भगवान श्रीगणेश की पूजा कर उन्हें शुद्धजल अर्पित करें।
अक्षय तृतीया 2020 : शुभ मुहूर्त एवं महत्व4- इस दिन भगवान श्रीगणेश जी के बीज मंत्रों का जप कम से कम 108 बार जरूर करें।
5- विधिवत पूजन और मंत्र जप के बाद जल में तिल मिलाकर सूर्य को अर्घ्य दें।
6- इस दिन शाम के समय भी विधिवत् गणेश जी की पूजन करना चाहिए।
7- इस दिन गणेश जी को दुर्वा भी अर्पित करना चाहिए, ऐसा करने से व्यक्ति के धन-सम्मान में वृद्धि होती है।
8- इस दिन गणेश जी को तुलसी भूलकर भी नहीं चढ़ाना चाहिए।
9- संकष्टी चतुर्थी के दिन तिल के लड्डुओं का भोग लगाने से भगवान गणेश जी प्रसन्न हो जाते हैं।
10- संकष्टी चतुर्थी के दिन शाम को चन्द्रमा को अर्घ्य देना चाहिए।
11- इस दिन उपवास रखने वाले लोग कंद-मूल जैसे- मूली, प्याज, गाजर और चुकंदर का सेवन भूलकर भी नहीं करें।
13- संकष्टी चतुर्थी का उपवास तिल के लड्डू या तिल खाकर खोलना चाहिए।
14- इस गणेश मंत्र का जप करना चाहिए।
मंत्र- ऊँ गं गणपतये नमः
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