scriptSankashti Chaturthi 2020: सावन की पहली संकष्टी चतुर्थी आज, जानें श्री गणेश पूजन, शुभ मुहूर्त और महत्व | Sankashti Chaturthi : Shri Ganesh date 8 july 2020 and Puja Vidhi | Patrika News

Sankashti Chaturthi 2020: सावन की पहली संकष्टी चतुर्थी आज, जानें श्री गणेश पूजन, शुभ मुहूर्त और महत्व

locationभोपालPublished: Jul 07, 2020 10:58:40 pm

Sankashti Chaturthi 2020 : श्रीगणेश संकष्टी चतुर्थी पर ऐसे करें गजानन की पूजा…

Sankashti Chaturthi : Shri Ganesh date 8 july 2020 and Puja Vidhi

Sankashti Chaturthi : Shri Ganesh date 8 july 2020 and Puja Vidhi

सावन की पहली संकष्टी चतुर्थी Sankashti Chaturthi 08 जुलाई 2020 दिन बुधवार को है। इस दिन को भगवान श्रीगणेश की पूजा और व्रत करने का बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है। मान्यता के अनुसार इस दिन की गई श्री गणेश पूजा का फल शीघ्र मिलता है। हिन्दू मान्यताओं के अनुसार किसी भी शुभ कार्य को करने से पहले भगवान गणेश की पूजा की जाती है।

भगवान गणेश को अन्य सभी देवी-देवतों में प्रथम पूजनीय माना गया है। इन्हें बुद्धि, बल और विवेक का देवता का दर्जा प्राप्त है। भगवान गणेश अपने भक्तों की सभी परेशानियों और विघ्नों को हर लेते हैं इसीलिए इन्हें विघ्नहर्ता भी कहा जाता है। वहीं यह सावन की पहली संकष्टी है और दूसरी विशेष बात ये है कि इस दिन बुधवार है।

संकष्टी चतुर्थी Sankashti Chaturthi पर चंद्रोदय का समय
चतुर्थी तिथि प्रारम्भ: 08 जुलाई को प्रात: 09 बजकर 18 मिनट
चतुर्थी तिथि समाप्त: 09 जुलाई को प्रात: 10 बजकर 11 मिनट
संकष्टी के दिन चन्द्रोदय: रात्रि 10 बजे

MUST READ : जुलाई 2020 कैलेंडर और पंचांग, जानें क्या है खास

https://www.patrika.com/religion-news/hindu-calendar-and-panchang-of-july-2020-6238538/

हिन्दू पंचांग में हर माह दो चतुर्थी तिथि आती है, एक कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को जिसे संकष्टी चतुर्थी एवं दूसरी शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को जिसे विनायक चतुर्थी कहते हैं। अगर यह तिथि बुधवार के दिन पड़ जाएं तो अति शुभ व फलदायी मानी जाती है, इस दिन व्रत रखकर भगवान गणेश की पूजा से जीवन की सभी बाधाएं दूर हो जाती है।

वैसे तो संकष्टी चतुर्थी Sankashti Chaturthi का व्रत और पूजन हर महीने में होता है, लेकिन सावन के माह में इसे विषेश माना जाता है। संकष्टी चतुर्थी अगर बुधवार के दिन पड़ती है तो वह बहुत ही शुभ मानी जाती है। पश्चिमी और दक्षिणी भारत में और विशेष रूप से महाराष्ट्र और तमिलनाडु में संकष्टी चतुर्थी Sankashti Chaturthi के दिन व्रत रखकर भगवान श्रीगणेश की विशेष पूजा अर्चना की जाती है।

Sankashti Chaturthi : Shri Ganesh date 8 july 2020 and Puja Vidhi

ऐसे समझें संकष्टी चतुर्थी… Sankashti Chaturthi
संकष्टी चतुर्थी Sankashti Chaturthi यानि संकट को हरने वाली चतुर्थी। संकष्टी संस्कृत भाषा से लिया गया एक शब्द है, जिसका अर्थ होता है ‘कठिन समय से मुक्ति पाना’।

इस दिन व्यक्ति अपने दुःखों से छुटकारा पाने के लिए गणपति की अराधना करता है। पुराणों के अनुसार चतुर्थी के दिन गौरी पुत्र गणेश की पूजा करना बहुत फलदायी होता है। इस दिन लोग सूर्योदय के समय से लेकर चन्द्रमा उदय होने के समय तक उपवास रखते हैं। संकष्टी चतुर्थी Sankashti Chaturthi को पूरे विधि-विधान से गणपति की पूजा-पाठ की जाती है।

Sankashti Chaturthi : Shri Ganesh date 8 july 2020 and Puja Vidhi

ऐसे करें संकष्टी चतुर्थी Sankashti Chaturthi पर श्रीगणेश पूजन

1. संकष्‍टी चतुर्थी Sankashti Chaturthi के दिन प्रातः काल सूर्योदय से पहले उठ जाएं।
2. व्रत करने वाले लोग सबसे पहले स्नान कर साफ़ और धुले हुए कपड़े पहन लें। इस दिन लाल रंग का वस्त्र धारण करना बेहद शुभ माना जाता है और साथ में यह भी कहा जाता है कि ऐसा करने से व्रत सफल होता है।
3. स्नान के बाद वे गणपति की पूजा की शुरुआत करें। गणपति की पूजा करते समय जातक को अपना मुंह पूर्व या उत्तर दिशा की ओर रखना चाहिए।
4. सबसे पहले आप गणपति की मूर्ति को फूलों से अच्छी तरह से सजा लें।
5. पूजा में आप तिल, गुड़, लड्डू, फूल ताम्बे के कलश में पानी , धुप, चन्दन , प्रसाद के तौर पर केला या नारियल रख लें।
6. ध्यान रहे कि पूजा के समय आप देवी दुर्गा की प्रतिमा या मूर्ति भी अपने पास रखें। ऐसा करना बेहद शुभ माना जाता है।
7. गणपति को रोली लगाएं, फूल और जल अर्पित करें।
9. संकष्टी Sankashti Chaturthi को भगवान गणपति को तिल के लड्डू और मोदक का भोग लगाएं।

MUST READ : सावन/श्रावण 2020 : राशि अनुसार करें भगवान शिव के इन मंत्रों का जाप

https://www.patrika.com/festivals/savan-month-2020-worship-according-to-the-zodiac-signs-6238298/

10. गणपति के सामने धूप-दीप जला कर मंत्र का जाप करें।
मंत्र : गजाननं भूत गणादि सेवितं, कपित्थ जम्बू फल चारू भक्षणम्।
उमासुतं शोक विनाशकारकम्, नमामि विघ्नेश्वर पाद पंकजम्।

11. पूजा के बाद आप फल, मूंगफली, खीर, दूध या साबूदाने को छोड़कर कुछ भी न खाएं। बहुत से लोग व्रत वाले दिन सेंधा नमक का इस्तेमाल करते हैं लेकिन आप सेंधा नमक नज़रअंदाज़ करने की कोशिश करें।
12. शाम के समय चांद के निकलने से पहले आप गणपति की पूजा करें और संकष्टी व्रत कथा Sankashti Chaturthi का पाठ करें।
13. पूजा समाप्त होने के बाद प्रसाद बाटें। रात को चांद देखने के बाद व्रत खोला जाता है और इस प्रकार संकष्टी चतुर्थी Sankashti Chaturthi का व्रत पूर्ण होता है।

संकष्टी चतुर्थी Sankashti Chaturthi का महत्व
संकष्टी के दिन गणपति की पूजा करने से घर से नकारात्मक प्रभाव दूर होते हैं और शांति बनी रहती है। ऐसा कहा जाता है कि गणेश जी घर में आ रही सारी विपदाओं को दूर करते हैं और व्यक्ति की मनोकामनाओं को पूरा करते हैं।

चन्द्र दर्शन भी चतुर्थी के दिन बहुत शुभ माना जाता है। सूर्योदय से प्रारम्भ होने वाला यह व्रत चंद्र दर्शन के बाद संपन्न होता है। पूरे साल में संकष्टी चतुर्थी Sankashti Chaturthi के 13 व्रत रखे जाते हैं। सभी व्रत के लिए एक अलग व्रत कथा है।

Sankashti Chaturthi : Shri Ganesh date 8 july 2020 and Puja Vidhi

संकष्टी चतुर्थी व्रत कथा Sankashti Chaturthi vrat katha
संकष्टी चतुर्थी Sankashti Chaturthi मनाने के पीछे ढेरों पौराणिक कथाएं हैं लेकिन उन सबमें जो सबसे ज्यादा प्रचलित है, हम आपको वह कथा बताने जा रहे हैं।

एक बार माता पार्वती और भगवान शिव नदी के पास बैठे हुए थे तभी अचानक माता पार्वती ने चौपड़ खेलने की अपनी इच्छा ज़ाहिर की। लेकिन समस्या की बात यह थी कि वहां उन दोनों के अलावा तीसरा कोई नहीं था जो खेल में निर्णायक की भूमिका निभाए।

इस समस्या का समाधान निकालते हुए शिव और पार्वती ने मिलकर एक मिट्टी की मूर्ति बनाई और उसमें जान डाल दी। मिट्टी से बने बालक को दोनों ने यह आदेश दिया कि तुम खेल को अच्छी तरह से देखना और यह फैसला लेना कि कौन जीता और कौन हारा। खेल शुरू हुआ जिसमें माता पार्वती बार-बार भगवान शिव को मात दे कर विजयी हो रही थीं।

खेल चलते रहा लेकिन एक बार गलती से बालक ने माता पार्वती को हारा हुआ घोषित कर दिया। बालक की इस गलती ने माता पार्वती को बहुत क्रोधित कर दिया जिसकी वजह से गुस्से में आकर बालक को श्राप दे दिया और वह लंगड़ा हो गया।

MUST READ : ऐसे करें विघ्नहर्ता श्रीगणेश को प्रसन्न, जीवन के सारे तनाव कर देंगे दूर

gc.jpg
https://www.patrika.com/festivals/ganesh-chaturthi-2020-date-22-august-saturday-6218455/ IMAGE CREDIT: https://www.patrika.com/festivals/ganesh-chaturthi-2020-date-22-august-saturday-6218455/

बालक ने अपनी भूल के लिए माता से बहुत क्षमा मांगे और उसे माफ़ कर देने को कहा। बालक के बार-बार निवेदन को देखते हुए माता ने कहा कि अब श्राप वापस तो नहीं हो सकता लेकिन वह एक उपाय बता सकती हैं जिससे वह श्राप से मुक्ति पा सकेगा। माता ने कहा कि संकष्टी Sankashti Chaturthi वाले दिन पूजा करने इस जगह पर कुछ कन्याएं आती हैं, तुम उनसे व्रत की विधि पूछना और उस व्रत को सच्चे मन से करना।

बालक ने व्रत की विधि को जान कर पूरी श्रद्धापूर्वक और विधि अनुसार उसे किया। उसकी सच्ची आराधना से भगवान गणेश प्रसन्न हुए और उसकी इच्छा पूछी। बालक ने माता पार्वती और भगवान शिव के पास जाने की अपनी इच्छा को ज़ाहिर किया। गणेश ने उस बालक की मांग को पूरा कर दिया और उसे शिवलोक पंहुचा दिया, लेकिन जब वह पहुंचा तो वहां उसे केवल भगवान शिव ही मिले।

माता पार्वती भगवान शिव से नाराज़ होकर कैलाश छोड़कर चली गयी होती हैं। जब शिव ने उस बच्चे को पूछा की तुम यहां कैसे आए तो उसने उन्हें बताया कि गणेश की पूजा से उसे यह वरदान प्राप्त हुआ है। यह जानने के बाद भगवान शिव ने भी पार्वती को मनाने के लिए उस व्रत को किया जिसके बाद माता पार्वती भगवान शिव से प्रसन्न हो कर वापस कैलाश लौट आती हैं।

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो