21 अगस्त को सूर्योदय के समय चतुर्दशी तिथि रहेगी पर शाम को पूर्णिमा लग जाएगी. चूंकि पूर्णिमा पर चंद्रमा की पूजा की जाती है इसलिए रात का महत्व है. इसलिए 21 अगस्त को भी पूर्णिमा का पूजन किया जा सकता है. ज्योतिषाचार्य पंडित सोमेश परसाई के अनुसार नवग्रहों में चंद्रमा को रानी का दर्जा दिया गया है। चंद्रमा मन के कारक हैं. जब तक मन अच्छा न हो तब तक हमें कोई चीज अच्छी नहीं लगती।
यही कारण है कि जीवन के सभी सुखों के लिए मन अच्छा होना या चंद्रमा का अच्छा होना जरूरी है. चंद्रमा की कृपा के बिना जीवन में कोई सुख नहीं मिलता। कुंडली में चंद्रमा की स्थिति अच्छी हो तो पर्याप्त धन—संपत्ति होती है, ऐसा व्यक्ति वैभवपूर्ण जीवन होता है। चंद्रमा की प्रसन्नता के लिए पूर्णिमा पर श्रद्धालु निर्जला व्रत रखकर उनकी पूजा अर्चना करते हैं।
साल में लगभग 12 पूर्णिमा पड़ती हैं और हर एक का अपना अलग—अलग महत्व होता है। इनमें भी सावन मास की पूर्णिमा का सबसे ज्यादा महत्व है। इस दिन चंद्रमा की आराधना विशेष फलदायक होती है। इस दिन लोग पूजा पाठ, हवन आदि करते हैं और चंद्रमा से मनोकामना पूर्ति की प्रार्थना की जाती है। इस बार सावन मास की पूर्णिमा रविवार को आ रही है।
रविवार के दिन पूर्णिमा तिथि आने पर पूर्णिमा व्रत और लाभदायक बन गया है। ज्योतिषाचार्य पंडित दीपक दीक्षित के अनुसार पूर्णिमा के दिन चंद्रोदय के समय चन्द्रमा का ध्यान करें और मंत्र- ॐ स्रां स्रीं स्रौं स: चन्द्रमासे नम: का जाप शुरू करें। इस मंत्र का कम से कम 108 बार जाप करें. ऐसा लगातार 40 दिनों तक करें. पूरे मनोयोग और विश्वासपूर्वक नियमानुसार जाप करने से धीरे धीरे आपकी आर्थिक समस्या खत्म हो जाएगी।