शारदीय नवरात्रि : देवी कवच के पाठ से रक्षा के साथ हर कामना पूरी करती है माँ जगदंबा
माता महाकाली के इन 108 नामों का जप करें- शारदीय नवरात्र की सप्तमी तिथि को सुबह-शाम दोनों समय माता कालरात्रि के इन 108 नाम का श्रद्धा पूर्वक जप करने वाला साधक माता कालरात्रि की विशेष कृपा का अधिकारी बन जाता है। माता के इन नामों का जप पूरी तरह किसी एकांत स्थान पर करें। जप करते समय गाय के घी का एक दीपक जपकर्ता माता की पूर्ति या फोटो के सामने जलावें।
Ashwin Navratri : केवल ये सात उपाय करेंगे एक साथ सैकड़ों मनोकामना पूरी
नवरात्र की सप्तमी तिथि को माता के इन 108 नामों का जप करें-
काली, कापालिनी, कान्ता, कामदा, कामसुंदरी, कालरात्री, कालिका, कालभैरवपूजिता, कुरुकुल्ला, कामिनी, कमनीयस्वभाविनी, कुलीना, कुलकर्त्री, कुलवर्त्मप्रकाशिनी, कस्तूरीरसनीला, काम्या, कामस्वरूपिणी, ककारवर्णनीलया, कामधेनु, करालिका, कुलकान्ता, करालास्या, कामार्त्ता, कलावती, कृशोदरी
नवरात्रि की नवमी तिथि की रात कर लें केवल ये 3 उपाय, बढ़ेंगी धन आवक, हो जाएंगे मालामाल
कामाख्या, कौमारी, कुलपालिनी, कुलजा, कुलकन्या, कलहा, कुलपूजिता, कामेश्वरी, कामकान्ता, कुब्जेश्वरगामिनी, कामदात्री, कामहर्त्री, कृष्णा, कपर्दिनी, कुमुदा, कृष्णदेहा, कालिन्दी, कुलपूजिता, काश्यपि, कृष्णमाला, कुलिशांगी, कला, क्रींरूपा, कुलगम्या, कमला, कृष्णपूजिता, कृशांगी कन्नरी, कर्त्री, कलकण्ठी, कार्तिकी, काम्बुकण्ठी, कौलिनी, कुमुदा, कामजीविनी, कुलस्त्री, कार्तिकी, कृत्या, कीर्ति, कुलपालिका, कामदेवकला, कल्पलता, कामांगबद्धिनी, कुन्ती, कुमुदप्रिया, कदम्बकुसुमोत्सुका,
दुर्गा सप्तशती के केवल ये 8 मंत्र ही दुर्भाग्य को सौभाग्य में बदलने के लिए है काफी
कादम्बिनी, कमलिनी, कृष्णानंदप्रदायिनी, कुमारिपूजनरता, कुमारीगणशोभिता, कुमारीरंश्चरता, कुमारीव्रतधारिणी, कंकाली, कमनीया, कामशास्त्रविशारदा, कपालखड्वांगधरा, कालभैरवरूपिणि, कोटरी, कोटराक्षी, काशी, कैलाशवासिनी, कात्यायिनी, कार्यकरी, काव्यशास्त्रप्रमोदिनी, कामामर्षणरूपा, कामपीठनिवासिनी, कंकिनी, काकिनी, क्रिडा, कुत्सिता, कलहप्रिया, कुण्डगोलोद्-भवाप्राणा, कौशिकी, कीर्तीवर्धिनी, कुम्भस्तिनी, कटाक्षा, काव्या, कोकनदप्रिया, कान्तारवासिनी, कान्ति, कठिना, कृष्णवल्लभा।
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