scriptकृष्ण पक्ष सोम प्रदोष व्रत- घर पर ही जरूर करें शिव की यह वरदायी पूजा | Som Pradosh Vrat : Monday 20 April 2020 | Patrika News

कृष्ण पक्ष सोम प्रदोष व्रत- घर पर ही जरूर करें शिव की यह वरदायी पूजा

locationभोपालPublished: Apr 19, 2020 01:16:38 pm

Submitted by:

Shyam

प्रदोष व्रत करने से पुराने से पुराने पापों से मिल जाता है छुटकारा

कृष्ण पक्ष सोम प्रदोष व्रत- घर पर ही जरूर करें शिव की यह वरदायी पूजा

कृष्ण पक्ष सोम प्रदोष व्रत- घर पर ही जरूर करें शिव की यह वरदायी पूजा

सोमवार 20 अप्रैल को वैशाख मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि है। सोमवार का दिन होने कारण यह सोम प्रदोष कहलाती है। प्रदोष व्रत को भगवान शिवजी की उपासना आराधना का दिन माना जाता है, अन्य व्रतों में प्रदोष व्रत को प्रथम स्थान प्राप्त है। इस दिन प्रदोष काल में भगवान शिव की विशेष पूजन करने से मनोकामना पूर्ति के साथ ज्ञात-अज्ञात हुए पापकर्मों से मुक्ति भी मिल जाती है।

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सोम प्रदोष व्रत का फल

कहा जाता है कि प्रदोष का व्रत रखने वालों को 2 गायों को दान करने के बराबर पुण्यफल मिलता है। प्रदोष व्रत के बारे शास्त्रों में कथा आती है कि एक दिन जब चारों दिशाओं में अधर्म का बोलबाला नजर आयेगा, अन्याय और अनाचार अपनी चरम सीमा पर होगा, व्यक्ति में स्वार्थ भाव बढ़ने लगेगा। व्यक्ति सत्कर्म के स्थान पर छुद्र कार्यों में आनंद लेगा और इस कारण कई लोग पाप के भागी भी बनेंगे। सोम प्रदोष का व्रत करने के साथ भगवान शिवजी की विशेष पूजा करने से जन्मान्तर के पाप कर्म का दुष्फल भी नष्ट होने के साथ व्रती को उत्तम लोक की प्राप्ति व मोक्ष की प्राप्ति होती है।

कृष्ण पक्ष सोम प्रदोष व्रत- घर पर ही जरूर करें शिव की यह वरदायी पूजा

प्रदोष व्रत पूजा

1- जीवन के सभी ज्ञात-अज्ञात पापों से मुक्ति के लिए सोम प्रदोष का व्रत अवश्य करना चाहिए।

2- इस दिन सूर्यास्त के समय अपने घर में ही या फिर शिवमंदिर में जाकर 108 बार महामृत्युंजय मंत्र का जप करें।

3- मंत्र जप से पहले गंगाजल से भगवान शिवजी का अभिषेक करें।

4- 108 बिना खंडित बेलपत्र अर्पित करें।

कृष्ण पक्ष सोम प्रदोष व्रत- घर पर ही जरूर करें शिव की यह वरदायी पूजा

5- घर में ही बने पदार्थों का भोग शिवजी को लगायें, एक श्रीफल भेंट करने के बाद दण्वत प्रणाम करते हुए सभी पाप कर्मों की मुक्ति की प्रार्थना भी करें।

6- पूजन के बाद अगर कोई दरिद्र या भूखा व्यक्ति मिल जाए तो उन्हें कुछ न कुछ दान अवश्य करें। ऐसा करने से सोम प्रदोष का व्रत सफल माना जाता है।

7- शास्त्रों के अनुसार प्रदोष काल में शुद्धजल से भी शिवजी का अभिषेक 108 बार ऊँ नमः शिवाय मंत्र का उच्चारण करते हुए करने से जाने-अंजाने में हुए पापकर्म के दुष्फल से मुक्ति मिल जाती है।

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