त्योहार

शुरू हुआ हिंदू कैलेंडर का दूसरा महीना, इस डेट पर अक्षय तृतीया का अबूझ मुहूर्त, जानें बैसाख में आएंगे कौन से प्रमुख व्रत, त्योहार और शुभ मुहूर्त

Baisakh 2024: हिंदू कैलेंडर का दूसरा महीना बैसाख शुरू हो गया है। यह महीना 23 मई तक चलेगा। साथ ही अक्षय तृतीया, सर्वार्थ सिद्धि योग समेत कई शुभ मुहूर्त आएंगे। वहीं परशुराम जयंती समेत कई बड़े त्योहार भी पड़ेंगे। मान्यता है कि बैसाख महीना पूजा पाठ के लिए बेहद महत्वपूर्ण है। इस महीने पूजा पाठ करने से भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त होती है तो आइये जानते हैं बैसाख महीने का महत्व, व्रत, त्योहार और शुभ मुहूर्त…

Apr 25, 2024 / 01:51 pm

Pravin Pandey

बैसाख का महत्व अप्रैल मई की छुट्टियां

बैसाख महीने के प्रमुख व्रत, त्योहार

चैत्र माह का समापन हो चुका है, वहीं बुधवार से बैसाख माह की शुरुआत हो गई है। हिंदू नववर्ष का यह दूसरा माह है। देव आराधना, कथा कीर्तन के लिए यह माह विशेष फलदायी रहेगा। इस माह में अक्षय तृतीया, परशुराम जयंती 5 कई त्योहार आएंगे। इसके अलावा खरीदारी और शुभ कार्यों के लिए भी विशेष फलदायी रहेगा।

कब-कब सर्वार्थ सिद्धि योग

पं. लेखराज शर्मा का कहना है कि बैसाख का माह अत्यंत शुभ फलदायी होता है। इस माह में 8 बार सर्वार्थ सिद्धि योग, 2 बार अमृत सिद्धि योग और 2 बार त्रिपुष्कर योग रहेगा। बैसाख माह बुधवार से शुरू होकर 23 मई तक रहेगा। इस माह में वल्लभाचार्य, आदि शंकराचार्य, रामानुजाचार्य, बगलामुखी और नरसिंह जयंती भी रहेगी। इसी माह में अनेक व्रत पर्व भी रहेंगे।

भगवान विष्णु की पूजा का विधान

पं. लेखराज शर्मा का कहना है कि बैसाख का माह श्रेष्ठ फलदायी माना जाता है। इस माह में भगवान विष्णु की पूजा करना शुभ होता है। साथ ही भगवान भोलेनाथ के लिए जलधारी भी रखी जाती है। इस माह में तुलसी और पीपल के पेड़ की पूजा करने का भी विधान है। पूरे माह आराधना करने से भगवान विष्णु की विशेष कृपा की प्राप्ति होती है।

अक्षय तृतीया का अबूझ मुहूर्त

बैसाख माह में शुक्ल पक्ष तृतीया पर अक्षय तृतीया का पर्व मनाया जाएगा। इसे आखा तीज भी कहा जाता है। पूरे साल में यह दिन अबूझ मुहूर्त होता है। इसलिए यह दिन खरीदारी, नवीन कार्य की शुरुआत,शादी विवाह सहित मांगलिक कार्यों के लिए अबूझ माना जाता है। अक्षय तृतीया 10 मई को रहेगी। साथ ही इस बार गुरु और शुक्र अस्त होने के कारण मई, जून में विवाह नहीं है, क्योकि विवाह के लिए गुरु, शुक्र का उदित होना जरूरी होता है, लेकिन अबूझ मुहूर्त होने से कई लोग विवाह करेंगे।

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