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आज इन कार्यों के लिए बना शुभ मुहूर्त, आप भी ऐसे लाभ उठाएं

Published: Apr 29, 2018 10:05:39 am

पूर्णिमा तिथि में सभी मांगलिक, अलंकारादिक, प्रतिष्ठा व यज्ञकर्म आदि कार्य शुभ होते हैं।

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चतुर्दशी संज्ञक तिथि प्रात: ६.३८ तक, फिर पूर्णिमा प्रारंभ हो जाएगी। चतुर्दशी रिक्ता संज्ञक तिथि में शुभ व मांगलिक कार्य वर्जित कहे गए हैं। पर यदि किसी शुभ कार्यारम्भ के समय लग्न में केंद्र या त्रिकोण स्थान में कोई शुभ ग्रह स्थित हो तो रिक्ता तिथि का दोष परिहृत हो जाता है। पूर्णिमा तिथि में सभी मांगलिक, अलंकारादिक, प्रतिष्ठा व यज्ञकर्म आदि कार्य शुभ होते हैं।
नक्षत्र: चित्रा ‘मृदु व तिङ्र्यंमुख’ संज्ञक नक्षत्र दोपहर बाद २.०७ तक, उसके बाद स्वाति ‘चर व तिङ्र्यंमुख’ संज्ञक नक्षत्र है। चित्रा में यथाआवश्यक शांति, वास्तु, अलंकार, जनेऊ, वस्त्र, अन्य स्थिर कार्य और कृषि संबंधी कार्य शुभ कहे गए हैं। स्वाति में विवाहादि मांगलिक कार्य, वास्तु और वस्त्रालंकार आदि कार्य करने योग्य हैं।
शुभ वि.सं. : २०७५, संवत्सर नाम: विरोधकृत्, अयन: उत्तरायण, शाके: १९४०, हिजरी: १४३९, मु.मास: सावान-१२, ऋतु: ग्रीष्म, मास: वैशाख, पक्ष: शुक्ल।

विशिष्ट योग: राजयोग नामक शुभ योग ? प्रात: ६.३८ से दोपहर बाद २.०७ तक तथा रवियोग नामक दोष समूह नाशक शक्तिशाली शुभ योग सूर्योदय से दोपहर बाद २.०७ तक है। चंद्रमा: संपूर्ण दिवारात्रि तुला राशि में है।
भद्रा: प्रात: ६.३८ से सायं ६.३३ तक भद्रा है। भद्रा में यथासंभव शुभ व मांगलिक कार्य टाल देने चाहिए। वारकृत्य कार्य : रविवार को वैसे पश्चिम दिशा की यात्रा में दिशाशूल रहता है। पर आज तो तुला राशि के चन्द्रमा का वास पश्चिम दिशा की यात्रा में सम्मुख रहेगा।
श्रेष्ठ चौघडि़ए
आज प्रात: ७.३२ से दोपहर १२.२४ तक क्रमश: चर, लाभ व अमृत तथा दोपहर बाद २.०२ से अपराह्न ३.३९ तक शुभ के श्रेष्ठ चौघडि़ए हैं एवं दोपहर ११.५८ से १२.५० तक अभिजित नामक श्रेष्ठ मुहूर्त है, जो आवश्यक शुभकार्यारम्भ के लिए अत्युत्तम हैं।
राहुकाल
सायं ४.३० बजे से सायं ६.०० बजे तक राहुकाल वेला में शुभ कार्यारंभ यथासंभव वर्जित रखना हितकर है।

इसके अतिरिक्त आज छिन्नमस्ता जयंती, श्री आद्य शंकराचार्य कैलाश गमन, गुरु अमरदास जयंती (प्राचीन मत से) चान्द्र पूर्णिमा व्रत, श्री कूर्म जयंती तथा गंधेश्वरी पूजा (बंगाल में) भी मनाई जाएगी।

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