सोमवार: ये रहेगा रोजा इफ्तार व सहरी का वक्त
इस्लाम में भी साप्ताहिक रोजे रखना सुन्नत है और साल
में एक माह तक (रमजान के) रोजे रखना बहुत लाभदायक है
रोजा इफ्तार व सहरी का
वक्त
मुफ्ती अहमद हसन साहब: इफ्तार – सोमवार: 7.24, सहरी – मंगलवार: 4.07
दारूल-उल रजविया: इफ्तार – सोमवार: 7.29, सहरी – मंगलवार: 4.01
शिया इस्ना अशरी मस्लक: इफ्तार – सोमवार: 7.37, सहरी – मंगलवार: 3.47
मुफ्ती-ए-शहर
जिस तरह भूख और फाका इंसान के जिस्म को कमजोर और लाचार कर देता है, वहीं बहुत ज्यादा खाना जिस्म में कई तरह की बीमारियों को पैदा कर देता है। मेडिकल तजुर्बो से यह सिद्ध है कि अधिकतर परिस्थितियों में इंसान का भूखा रहना या कम खाना उसके लिए जरूरी है और बहुत-सी बीमारियों का यह पेटेंट (पक्का) इलाज है। मेडिकल विशेषज्ञों के अनुसार कम-से-कम सप्ताह में एक समय खाना छोड़ देना स्वास्थ्य के लिए अच्छा है। इस्लाम में भी साप्ताहिक रोजे रखना सुन्नत है और साल में एक माह तक (रमजान के) रोजे रखना बहुत लाभदायक है। रोजा बहुत-सी बीमारियों को दूर करता है। अर्थात् यह एक प्रकार से शरीर का इलाज भी है।
– मुफ्ती हकीम अहमद हसन
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