त्रयोदशी एवं चतुर्दशी का श्राद्ध 27 सितंबर दिन शुक्रवार को है इस दिन इन पित्रों का श्राद्ध कर्म करें-
1- त्रयोदशी का श्राद्ध- आश्विन मास पितृ पक्ष कृष्ण पक्ष त्रयोदशी के दिन उन पित्रों का श्राद्ध किया जाता है जिनकी मृत्यु त्रयोदशी तिथि को हुई हो। इसके अलावा त्रयोदशी तिथि को घर के दिवंगत छोटे बच्चों का श्राद्ध भी इसी दिन किया जाता है।
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2- चतुर्दशी का श्राद्ध – चतुर्दशी तिथि का श्राद्ध केवल उन मृतजनों के लिए करना चाहिए जिनकी मृत्यु किसी हथियार से हुई हो, उनका क़त्ल हुआ हो, जिन्होंने आत्महत्या की हो या जिनकी किसी हादसे में अकाल मृत्यु हुई हो। (इसके अलावा अगर किसी की मृत्यु चतुर्दशी तिथि को हुई है तो उनका श्राद्ध अमावस्या श्राद्ध तिथि को ही किया जाता है।)
सर्व पितृ मोक्ष अमावस्या- दिनांक 28 सितंबर 2019, दिन शनिवार को है
– आश्विन मास पितृ पक्ष अमावस्या तिथि- पितृ पक्ष के अंतिम दिन उन पित्रों का श्राद्ध किया जाता है, जिनकी मृत्यु अमावस्या तिथि, पूर्णिमा तिथि और चतुर्दशी तिथि को हुई हो। (इसके अलावा इस तिथि को वह लोग भी श्राद्ध करें, जिन्हें अपने मृत पित्रों की तिथि याद नहीं हो। क्योंकि इस अमावस्या तिथि को सर्व पितृ मोक्ष अमावस्या भी कहते हैं।) ऐसी मान्यता है कि सर्व पितृ मोक्ष अमावस्या तिथि के दिन श्राद्ध कर्म करने से उन सभी दिवंगत पितरों को तृप्ति मिलती है, जिनके बारे में हमें ज्ञात नहीं होता । इसलिए इस दिन हर किसी को श्राद्ध कर्मा करना चाहिए।
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