वैशाख पूर्णिमा व्रत
वैशाख पूर्णिमा के दिन सुबह सूर्योदय से पूर्व किसी पवित्र नदी, जलाशय, कुआं या बावड़ी में स्नान करके सूर्य मंत्र का उच्चारण करते हुए सूर्य देव को अर्घ्य देना चाहिए। इस दिन व्रत रखकर भगवान विष्णु की विशेष पूजा करनी चाहिए। इस दिन धर्मराज के निमित्त जल से भरा कलश और पकवान का दान करने से गोदान के समान पुण्यफल फल मिलता है। शक्कर के साथ तिल देने से पापों का क्षय होता है। इस दिन तिल के तेल के दीपक घर में जलाना चाहिए एवं पित्रों के निमित्त तिलों का तर्पण करना चाहिए।
वैशाख पूर्णिमा का महत्व
वैशाख पूर्णिमा पर धर्मराज की पूजा करने का विधान है, इसलिए इस व्रत के प्रभाव से अकाल मृत्यु का भय नहीं रहता है। मान्यता है कि भगवान श्री कृष्ण के बचपन के साथी सुदामा जब द्वारिका उनके पास मिलने पहुंचे थे, तो भगवान श्री कृष्ण ने उन्हें सत्य विनायक पूर्णिमा व्रत का विधान बताया। इसी व्रत के प्रभाव से सुदामा की सारी दरिद्रता दूर हुई।
वैशाख पूर्णिमा के दिन करें ये आसान उपाय
1- वैशाख बुद्ध पूर्णिमा के दिन अपार धन की प्राप्ति के लिए सुबह उठकर पीपल के पेड़ के सामने कुछ मीठा चढ़ाकर जल अर्पित करके दीपक जलाएं।
2- सफल दाम्पत्य जीवन के लिए वैशाख बुद्ध पूर्णिमा के दिन पति-पत्नी दोनो मिलकर पूर्ण चन्द्रमा को गाय के दूध का अर्ध्य दें। इससे दाम्पत्य जीवन में जीवन भर मधुरता बनी रहेगी ।
3- जिस भी व्यक्ति को जीवन में धन सम्बन्धी समस्याओं का सामना करना पड़ता है वे वैशाख बुद्ध पूर्णिमा के दिन चंद्रोदय के समय पूरण चन्द्रमा को गाय के कच्चे दूध में चीनी और चावल मिलाकर इस मंत्र- “ॐ स्रां स्रीं स्रौं स: चन्द्रमासे नम:” का उच्चारण करते हुये अर्घ्य दें ।
4- वैशाख बुद्ध पूर्णिमा के दिन मां लक्ष्मी के चित्र पर 11 कौड़ियां चढ़ाकर उन पर हल्दी से तिलक करें। अगले दिन सुबह सभी कौड़ियों को लाल कपड़े में बांधकर अपनी तिजोरी में रख दें, इस उपाय से घर में धन की कोई भी कमी जीवन भर नहीं रहेगी।
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