यह भी पढ़ेंः- सिर्फ राजनीति ही नहीं बल्कि शेयर बाजार से भी करते हैं कमाई, करीब 22 करोड़ रुपए का किया है निवेश
बैंक कर्मियों ने बैड लोन की वसूली और कर्ज का गबन करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की। हड़ताल का आह्वान दो यूनियनों अखिल भारतीय बैंक कर्मचारी संघ (एआईबीईए) और भारतीय बैंक कर्मचारी महासंघ (बीईएफआई)- ने किया है। यहां जारी एक बयान में एआईबीईए ने छह महत्वपूर्ण राष्ट्रीयकृत बैंकों यानी आंध्र बैंक, इलाहाबाद बैंक, कॉर्पोरेशन बैंक, सिंडिकेट बैंक, ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स और यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया को बंद करने के खिलाफ बड़े पैमाने पर विरोध की घोषणा की।
यह भी पढ़ेंः- दबाव में शेयर बाजार, सेंसेक्स में 27 अंकों की बढ़त, निफ्टी में 11680 के पार, इंफोसिस 10 फीसदी लुढ़का
एआईबीईए के महासचिव सीएच वेंकटाचलम ने एक बयान में कहा, “भारत में बैंकों का विलय पूरी तरह से अनुचित है, क्योंकि हमें लोगों की सेवा करने के लिए अधिक बैंकिंग सेवाओं और अधिक शाखाओं को खोलने की जरूरत है। विलय के परिणामस्वरूप बैंक की शाखाएं बंद हुईं और इस वजह से यह एक गलत नीति है।”