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इन चार सरकारी बैंकों को लेकर सरकार कर सकती है ये बड़ा ऐलान, ऐसे पड़ेगा ग्राहकों पर असर

locationनई दिल्लीPublished: Jan 04, 2019 12:37:09 pm

Submitted by:

manish ranjan

सरकार ने बैंक ऑफ बड़ौदा में देना और विजया बैंक के विलय को मंजूरी दे दी है। इस विलय के बाद सरकार 4 और सरकारी बैंकों को लेकर बड़ा फैसला लेने जा रही है।

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इन चार सरकारी बैंकों को लेकर सरकार कर सकती है ये बड़ा ऐलान, ऐसे पड़ेगा ग्राहकों पर असर

नई दिल्ली। सरकार ने बैंक ऑफ बड़ौदा में देना और विजया बैंक के विलय को मंजूरी दे दी है। इस विलय के बाद सरकार 4 और सरकारी बैंकों को लेकर बड़ा फैसला लेने जा रही है। दरअसल सरकार बैंक ऑफ इंडिया, कॉर्पोरेशन बैंक, इलाहाबाद बैंक और बैंक ऑफ महाराष्ट्र को पीसीए से बाहर करने के बारे में विचार कर रही है।

बैंकों को इसलिए पीसीए में किया शामिल

आपको बता दें कि हाल ही में आरबीआई इन सरकारी बैंकों को प्रॉम्प्ट करेक्टिव ऐक्शन (PCA) के दायरे में लाई थी। लेकिन अब मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार आरबीआई ने इन बैंकों को PCA) के दायरे से बाहर करने का फैसला ले लिया है। बैंकों को पीसीए में उस समय रखा जाता है जब बैंकों की स्थिति सही नहींं होती है। आरबीआई को जब लगता है कि किसी बैंक के पास जोखिम का सामना करने को पर्याप्त पूंजी नहीं है, उधार दिए धन से आय नहीं हो रही और मुनाफा नहीं हो रहा है तो उस बैंक को पीसीए में शामिल कर दिया जाता है। ताकि उसकी वित्तीय स्थिति सुधारने के लिए तुरंत कई कदम उठाए जा सकें।

इन बैंकों को पीसीए में किया शामिल

बैंकों को पीसीए में शामिल होने के बाद आरबीआई के कई नियमों का पालन करना पड़ता है। बैंक ना तो नई शाखा खोल पाते हैं और न ही उधार दे पाते हैं। साथ ही भर्तियों पर भी रोक लग जाती है। इस समय देना बैंक, सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया, बैंक ऑफ महाराष्ट्र, यूको बैंक, आईडीबीआई बैंक, ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स, इंडियन ओवरसीज बैंक, कॉरपोरेशन बैंक, बैंक ऑफ इंडिया, इलाहाबाद बैंक और यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया को पीसीए में रखा गया है।

ग्राहकों पर क्या होगा असर

बैंकों के पीसीए में रखे जाने या निकाले जाने से उसका असर ग्राहकों पर नहीं पड़ता है। इसलिए बैंक ऑफ इंडिया, कॉर्पोरेशन बैंक, इलाहाबाद बैंक और बैंक ऑफ महाराष्ट्र के ग्राहकों को फिक्र करने की जरूरत नहीं है।

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