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फरवरी में शुरू हुआ था ब्याज दरों में कटौती का सिलसलिा
आर्थिक मामलों के एक जानकार का कहना है कि मौजूदा समय में हमें बेहतर ग्रोथ की सबसे अधिक जरूरत है, ऐसे में एमपीसी एक बार फिर ब्याज दरों में कटौती कर सकता है। इंडस्ट्री बाॅडी CII ने भी अपने बयान में कहा है कि केंद्रीय बैंक ने फरवरी माह में ब्याज दरों में कटौती का सिलसिला शुरू किया था। मौजूदा समय में अर्थव्यवस्था की हालत और मुद्रास्फिति को देखते हुए अनुमान लगाया जा सकता है कि हमें एक बार फिर ब्याज दरों में कटौती देखने को मिल सकती है।
आम लोगों को नहीं मिल रहा ब्याज दरों में कटौती का पूरा लाभ
CII ने अपने बयान में यह भी कहा कि रिर्जव बैंक द्वारा रेपो रेट में कटौती का लाभ अभी भी आम लोगों तक पूरे व त्वरित तरीके से नहीं पहुंच पा रहा है। RBI को कैश रिजर्व रेशियो (CRR) में भी 50 फीसदी की कटौती करनी चाहिये। इससे बाजार में 60,000 करोड़ रुपये आ सकेगा। बैंकिंग सिस्टम लिक्विडिटी बढ़ाने से बैंकों पर भी बोझ कम हो सकेगा।
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सोमवार को बैंक प्रमुखों से मिलेंगी वित्त मंत्री
जानकारों का यह भी कहना है कि गैर-वित्तीय बैंक कंपनियों में लिक्विडिटी की कमी को देखते हुए कहा जा सकता है कि ब्याज दरों में कटौती से ग्राहकों की खर्च करने की ताकत बढ़ेगी। ऐसे काॅमर्शियल वाहनों की मांग को भी रफ्तार मिल सकेगा। बता दें कि सोमवार को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण सभी पब्लिक सेक्टर के बैंक व कुछ प्रमुख प्राइवेट बैंकों के प्रमुखों के साथ बैठक करेंगी। वित्त मंत्री की यह बैठक अर्थव्यवस्था के अलग-अलग सेक्टर में क्रेडिट फ्लो को लेकर होगी। इन सेक्टर्स में एमएसएमई, ऑटोमोबाइल व हाउसिंग सेक्टर्स भी शामिल होंगे।