शर्तें मानने के कारण पैदा होगा संकट उन्होंने कहा कि एटीएम हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर अपग्रेड करने के लिए विनियामक दिशानिर्देश, नकदी प्रबंधन मानकों की हालिया शर्ते और कैश लोडिंग की कैसेट स्वैप पद्धति के कारण संगठन को बाध्य होना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि इस कदम से उद्योग में भारी बेकारी भी आएगी, जो पूरी अर्थव्यवस्था में वित्तीय सेवाओं के लिए हानिकारक होगी।
ये नियम लगा रहे अड़ंगा – भारतीय रिजर्व बैंक ने एटीएम फ्रॉड को रोकने के लिए सभी बैंकों से हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर अपग्रेड करने को कहा है। – आरबीआई ने बैंकों से अपडेटेड हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर इस्तेमाल करने को कहा है ताकि एटीएम हैकिंग की घटनाओं पर लगाम लगाई जा सके।
– एटीएम लूट को रोकने के लिए कैश मैनेजमेंट स्टैंडर्ड और कैश लोडिंग को लेकर भी नए नियम जारी किए गए हैं। – एटीएम की संस्था का कहना है कि कैश मैनेजमेंट स्टैंडर्ड और कैश लोडिंग के नए नियमों के अनुसार बदलाव करने में 3500 करोड़ रुपए का खर्च आएगा।
– संस्था के मुताबिक एटीएम कंपनियां, ब्राउन लेबल और व्हाइट लेबल एटीएम प्रदाता पहले ही घाटे से जूझ रही हैं। एेसे में बदलाव पर होने वाला खर्च उनकी कमर तोड़ देगा।