scriptक्रेडिट व डेबिट कार्ड कंपनियों ने लिए खड़ी हुर्इ मुसीबत, आरबीआर्इ ने ले लिया है ये बड़ा फैसला | 90 crore debit credit card may get blocked from 15 october | Patrika News

क्रेडिट व डेबिट कार्ड कंपनियों ने लिए खड़ी हुर्इ मुसीबत, आरबीआर्इ ने ले लिया है ये बड़ा फैसला

locationनई दिल्लीPublished: Oct 11, 2018 02:27:26 pm

Submitted by:

Ashutosh Verma

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआर्इ) ने डेबिट व क्रेडिट कार्ड जारी करने वाली विदेशी कंपनियों के लिए एक नियम जारी किया था। आरबीआर्इ ने इन नियमों का पालन करने के लिए इन कंपनियों को 6 माह का वक्त दिया था जिसकी मियाद आगामी 15 अक्टूबर को खत्म हो रही है।

Credit and Debit Cards

क्रेडिट व डेबिट कार्ड कंपनियों ने लिए खड़ी हुर्इ मुसीबत, आरबीआर्इ ने ले लिया है ये बड़ा फैसला

नर्इ दिल्ली। अगर इस फेस्टिव सीजन आप भी अपने क्रेडिट या डेबिट कार्ड से खरीदारी करने की योजना बना रहे हैं तो आप मायूस हो सकते हैं। क्योंकि महज चार दिनों बाद यानी 15 अक्टूबर से करीब 90 करोड़ से अधिक क्रेडिट व डेबिट कार्ड धारकों का कार्ड बंद हाे सकता है। दरअसल, भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआर्इ) ने डेबिट व क्रेडिट कार्ड जारी करने वाली विदेशी कंपनियों के लिए एक नियम जारी किया था। आरबीआर्इ ने इन नियमों का पालन करने के लिए इन कंपनियों को 6 माह का वक्त दिया था जिसकी मियाद आगामी 15 अक्टूबर को खत्म हो रही है। इन कंपनियों ने समयसीमा बढ़ाने की मांग की थी जिससे आरबीअार्इ ने साफ इन्कार कर दिया है।


फीका पड़ सकता है फेस्टिव सीजन

भारत में जारी होने वाले अधिकतर कार्ड्स मास्टरकार्ड या फिर वीजा द्वारा जारी किया जाता है। हालांकि भारत ने भी रूपे डेबिट व क्रेडिट कार्ड जारी करना शुरू कर दिया है लेकिन एेसे लोगों की संख्या काफी कम है। अारबीआर्इ ने इन विदेशी पेमेंट गेटवे कंपनियों को देश में अपना सर्वर लगाने के लिए 15 अक्टूबर तक की डेडलाइन दी थी। एेसे में आरबीआर्इ द्वारा मियाद में बढ़ोतरी से इन्कार के बाद आगामी फेस्टिव सीजन लोगों के लिए फीका पड़ सकता है। ध्यान देने वाली बात है कि मोदी सरकार देश में कैशलेस ट्रांजैक्शन को बढ़ावा देने के लिए प्रयासरत है आैर नोटबंदी के बाद डेबिट व क्रेडिट कार्ड का चलन तेजी से बढ़ा है।


वित्त मंत्रालय ने समय सीमा बढ़ाने से किया इन्कार

5 अक्टूबर को इन कंपनियों के प्रतिनिधियों ने वित्त मंत्री अरुण जेटली से मुलाकात कर अपनी बात रखी आैर समय सीमा बढ़ोन की मांग की थी। कंपनियों ने कहा कि डेटा स्टोर करने में करीब 2 साल का वक्त लगेगा। वहीं कंपनियों ये भी मांग की है कि केवल डेटा स्टोर के बजाय उन्हें काॅफी रखने की भी छूट मिले। वित्त मंत्रालय डेटा की काॅपी रखने की छूट में है। इसको लेकर आर्थिक मामले के सचिव ने केंद्रीय बैंक को एक चिट्ठी भी लिखी थी। आरबीआर्इ ने इसके लिए साफ इन्कार कर दिया है।

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो