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बैंकों के विलय के बाद ग्राहकों को नए फार्म और पहचान संख्या को कराना होगा अपडेट

locationनई दिल्लीPublished: Oct 19, 2018 08:28:17 am

Submitted by:

Saurabh Sharma

बैंक ऑफ बड़ौदा (बीओबी), विजया बैंक और देना बैंक के विलय के बाद नए बने बैंक के बैंकिंग सिस्टम और उसकी बैलेंस शीट के अलावा इन बैंकों के ग्राहकों पर भी बड़ा प्रभाव पड़ेगा।

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बीओबी, विजया,देना बैंक के विलय के बाद नए फार्म और पहचान संख्या को कराना होगा अपडेट

नई दिल्ली। बैंक ऑफ बड़ौदा (बीओबी), विजया बैंक और देना बैंक के विलय के बाद नए बने बैंक के बैंकिंग सिस्टम और उसकी बैलेंस शीट के अलावा इन बैंकों के ग्राहकों पर भी बड़ा प्रभाव पड़ेगा। विलय के बाद इन बैंकों की कई शाखाएं बंद हो सकती हैं। खाताधारकों को अन्य शाखाओं से जोड़ा जा सकता है। खाताधारकों को नई खाता संख्या और उपभोक्ता पहचान संख्या (कस्टमर आइडी) मिल सकती है।

हो सकती है ग्राहकों को परेशानी
सूत्रों के अनुसार तीनों बैंकों में किसी ग्रहाक के एक से अधिक खाते होने की स्थिति में खाताधारक के लिए ग्राहक पहचान संख्या एक ही होगी। उसके सभी खाते इसी एकल पहचान संख्या से जुड़े होंगे। हालांकि संयुक्त खाताधारकों के लिए एक अलग ग्राहक पहचान संख्या दी जा सकती है, ताकि वह संबंधित खाते के जरिए ही लेन-देन कर सकें।

ऑनलाइन भरा जा सकता है ईसीएस का फॉर्म
विलय के बाद नए बैंक को सभी इलेक्ट्रॉनिक क्लीयरिंग सर्विस (ईसीएस) निर्देशों और पोस्ट डेटेड चेक को क्लीयर करना होगा। खाताधारकों को बैंक, फंड हाउस और बीमा कंपनी से संपर्क कर नए ईसीएस निर्देश जारी करवाने होंगे। ईसीएस का फॉर्म ऑनलाइन भी भरा जा सकता है। इसके अलावा सिस्टमैटिक इनवेस्टमेंट प्लान (एसआइपी) के लिए नया एसआइपी रजिस्ट्रेशन और इंस्ट्रक्शन फॉर्म भी भरना पड़ सकता है। इसी तरह बैंक से लिए गए कर्ज के लिए प्रक्रिया दुहरानी पड़ सकती है।

र्इ-मेल और मोबाइल नंबर अपडेट रहे
इन बैंकों में किसी में भी खाता होने की स्थिति में खाताधारकों को यह सुनिश्चित कर लेना चाहिए कि उनके मोबाइल नंबर और र्इ-मेल पते अपडेटेड हैं। ऐसा होने पर ही उन्हें बैंक के नियमों में किसी भी बदलाव की तुरंत जानकारी मिल सकेगी।

थर्ड पार्टी के साथ जानकारी अपडेट
खाताधारकों को नई खाता संख्या या नई शाखा का आइएफएससी कोड को थर्ड पार्टी के साथ अपडेट करना होगा। इनमें आयकर विभाग, बीमा कंपनियां, म्युचुअल फंड और नेशनल पेंशन सिस्टम (एनपीएस) शामिल हैं। सभी खाताधारक अपने इन थर्ड पार्टी के पास अपनी नई जानकारियों को ऑनलाइन भी अपडेट कर सकते हैं। हालांकि खाता संख्या अपरिवर्तित रह सकती है जैसा कि भारतीय स्टेट बैंक में उसके सहयोगी बैंकों के विलय के मामले में हुआ था, लेकिन होम ब्रांच बदलने की स्थिति में आइएफएससी और एमआइसीआर कोड में बदलाव हो सकता है।

दरों में बदलाव की संभावना नहीं
तीनों बैंकों के विलय की आधिकारिक घोषणा के दिन बैंक सावधि जमा पर जो ब्याज दे रहे थे, वही ब्याज दर विलय के बाद भी जारी रहेगी। इसके अलावा कर्ज पर ब्याज दर भी वास्तविक समझौते के अनुसार जारी रहेगी। इनमें कोई भी बदलाव नए बैंक द्वारा दरों में परिवर्तन के बाद ही होगा।

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