नोटबंदी के बाद बढ़ा था बैंक डिपाॅजिट्स
इसपर बैंकर्स का मानना है कि इसका मुख्य कारण नोटबंदी के बाद बैंक खातों से पैसे निकलने आैर बचत के लिए वित्तीय प्रोडक्ट्स को वरीयता देने से बैंकों के डिपाॅजिट ग्रोथ में कमी आर्इ है। इसपर एसबीआइ के एक वरिष्ठ अधिकारी का कहना है, “नोटबंदी के बाद डिपाॅजिट में काफी बढ़ोतरी देखने को मिली थी। इसलिए पिछले साल डिपाॅजिट ग्रोथ अधिक था।” लेकिन पिछले वर्ष इसका एक बड़ा हिस्सा बैंकों से निकाल लिया गया। जिसके वजह से डिपाॅजिट ग्रोथ रेट में कमजोरी देखने को मिल रही है। नोटबंदी के बाद नंवबर-दिसंबर 2016 में बैंकों के पास कुल 15.28 लाख करोड़ रुपए जमा हुए थे। इससे वित्त वर्ष 2017 में डिपाॅजिट 15.8 फीसदी बढ़कर 108 लाख करोड़ रुपए हो गया था।
बचत को म्यूचुअल फंड में निवेश करना लोगों को पसंद
लेकिन अब ये ग्रोथ घटकर 6.7 फीसदी पर आ गया है आैर कुल डिपाॅजिट केवल 114 लाख करोड़ रुपए है। लोगों का बैंकों में डिपाॅजिट रखने में भरोसा कम होता जा रहा है, वो अपने बचत के पैसों को म्युचूअल फंड्स आैर इंश्योरेंस कंपनियों जैसे अन्य वित्तीय प्रोडक्ट्स में लगाना पसंद कर रहे हैं। जिसका बैंकाें के डिपाॅजिट पर बुरा असर देखने को मिल रहा है। वित्त वर्ष 2017-18 में बैंकों का म्यूचुअल फंड्स का एसेट्स अंडर मैनेजमेंट (एयूएम) में 22 फीसदी की बढ़ोतरी हुर्इ है जिसके बाद ये 21.35 लाख करोड़ रुपए का हो गया है। इसके पहले ये मार्च 2017 में 17.55 लाख करोड़ रुपए था। वहीं वित्त वर्ष 2016 में इसमें 42 फीसदी की बढ़ोतरी के साथ ये 12.33 लाख करोड़ रुपए हो गया था।
इंश्योरेंस भी ही लोगों की पसंद
वित्त वर्ष 2017 में इंश्योरेंस कंपनियों की भी फर्स्ट प्रीमियम 1.75 लाख करोड़ रुपए से बढ़कर पिछले वित्त वर्ष में 1.93 लाख करोड़ रुपए हो गया हैं। इसके पहले वित्त वर्ष 2016 में ये आंकड़ा 1.38 लाख करोड़ रुपए था। लिहाजा इससे भी ये बात साफ हो जाती है कि नोटबंदी के बाद से डिपाॅजिट ग्रोथ कम हुआ है आैर लोग अपने बचत के पैसों को बैंक डिपाॅजिट की जगह दूसरे जगह निवेश करना ज्यादा पसंद कर रहे हैं।
डिपाॅजिट ग्रोथ बढ़ने के आसार
हालांकि इस साल ब्याज दरों में बढ़ोतरी हो रही है जिससे शेयर बाजार में कमजोरी देखने को मिल सकती है। एेसे में बैंका डिपाॅजिट में बढ़ोतरी देखने को मिल सकती है। बता दें कि बैंक रेट्स में पहले ही बढ़ोतरी हो चुकी है। अभी पिछले हफ्त ही देश की सबसे बड़ी निजी बैंक एचडीएफसी बैंक ने एक करोड़ रुपए से कम जमा पर फिक्सड डिपाॅजिट रेट में एक फीसदी तक की बढ़ोतरी की थी।