scriptकेवल एक रुपये लोन डिफाॅल्ट के चक्कर में बैंक ने इस शख्स का जब्त किया 3.50 लाख का सोना, जानिए क्या है पूरा मामला | Bank refuse to pay jwellery worth 3.50 lakh against default of 1 rupee | Patrika News

केवल एक रुपये लोन डिफाॅल्ट के चक्कर में बैंक ने इस शख्स का जब्त किया 3.50 लाख का सोना, जानिए क्या है पूरा मामला

locationनई दिल्लीPublished: Jul 02, 2018 03:08:50 pm

Submitted by:

Ashutosh Verma

चेन्नर्इ के एक कोआॅपरेटिव बैंक ने एक शख्स को मा़त्र एक रुपये के लोन जमा न करने पर 138 ग्राम के सोना देने से इन्कार कर दिया है।

One Rupee Coin

केवल एक रुपये लोन डिफाॅल्ट के चक्कर में बैंक ने इस शख्स का जब्त किया 3.50 लाख का सोना, जानिए क्या है पूरा मामला

नर्इ दिल्ली। बैंक में लोन वापस करने को लेकर एक अजीबो-गरीब मामला सामने आया है। चेन्नर्इ के एक कोआॅपरेटिव बैंक ने एक शख्स को मा़त्र एक रुपये के लोन जमा न करने पर 138 ग्राम के सोना देने से इन्कार कर दिया है। इस शख्स ने लोन लेने के बदले में बैंक के पास 138 ग्राम का अपना सोने का गहना गिरवी रखा था। इस सोने की कीमत 3.50 लाख रुपये बताया जा रहा है। बैंक की इस व्यवहार से परेशान व्यक्ति को मद्रास हाइकोर्ट तक पहुंचना पड़ा है।


अपने गहने वापस लेने के लिए दर-दर भटकना पड़ रहा

अपने तरफ से दायर याचिका में, कांचीपुरम सेंट्रल काेआॅपरेटिव बैंक के पल्लवरम शाखा में खाता धारक सी कुमार ने कहा है कि वो पिछले पांच साल से अपना साेना वापस लेने के लिए दर-दर भटक रहे हैं। उन्होंने बैंक से करीब 3.50 लाख रुपये कीमत के अपना सोने को वापस देने के लिए कहा है।


क्या है पूरा मामला

शुक्रवार को जब इस याचिका की सुनवार्इ हो रही थी, न्यायधीश टी राजा ने याचिकाकर्ता काउंसिल की बात को सुना है आैर सरकारी वकील को दो सप्ताह के अंदर जरूरी कार्रवार्इ करने की बात कही है। याचिकाकर्ता ने कहा है कि उसने 6 अप्रैल 2010 को बैंक के पास 138 ग्राम के अपने साने के गहने को गिरवी रखकर 1.23 लाख रुपये लोन के तौर पर लिया था। इस दौरान उन्होंने दो आैर लोन लिया था जिसकी कुल राशि 1.65 लाख रुपये थी। 28 मार्च 2011 को उन्होंने पहले लोन को ब्याज के साथ चुका दिया था।


बैंक ने एक रुपये लेने से किया इन्कार

बाद में उन्होंने बाकी के दो लाेन को चुकाया लेकिन, बैंक ने मात्र एक रुपये की वजह से सोने के गहने को वापस देने से इन्कार कर दिया। याचिकाकर्ता काउंसिल एम सथ्यन का कहना है कि लगातार कर्इ बार अाग्रह करने के बाद भी बैंक ने गहने वापस नहीं किए आैर न ही बकाया एक रुपये लिया। इसके बाद याचिकाकर्ता ने अपने गहने की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए एक याचिका दायर की।

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