फाइनेंस

जनधन खातों में बैंक खुद डाल रहे हैं पैसा

11 करोड़ में से चार करोड़ खातों में जमा नहीं हुआ एक भी पैसा

Apr 09, 2016 / 10:23 am

अमनप्रीत कौर

pradhan mantri jan dhan yojana

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पहल पर शुरू किए गए जनधन खाते बैंकों के लिए मुसीबत बन गए हैं। अब तक बैंकों में 11 करोड़ खाते खुल चुके हैं, जिनमें से चार करोड़ खातों में एक भी पैस जमा नहीं हुआ है। रिजर्व बैंक के दबाव को देखते हुए बैंकों को ही इन खातों में पैसे डालने पड़ रहे हैं। बाकायदा हर खाताधारक के नाम एक-एक रुपए के वाउचर काटे गए हैं। इस खर्च को रोजमर्रा के चाय-पानी के खर्च में समायोजित किया जा रहा है। जीरो बैलेंस पर खोले गए खातों को सक्रिय बनाए रखने के लिए बैंकों को जद्दोजहद करनी पड़ रही है।

जोर-शोर से शुरू हुई थी योजना

केन्द्र सरकार ने जन-धन योजना की शुरुआत बड़े जोर-शोर से की थी और प्रधानमंत्री ने इसे बड़ी उपलब्धि बताया था। बैंक अधिकारियों के मुताबिक, जन-धन खाते मुसीबत बन गए हैं। जीरो बैलैंस पर खाते खोले गए, लेकिन एक भी पैसा जमा नहीं हुआ। खातों को सक्रिय रखने का दबाव बैंकों पर इस कदर है कि अपनी जेब से पैसे डालकर जीरो बैलेंस का ठप्पा हटाया जा रहा है। भारतीय स्टेट बैंक के एक अधिकारी ने नाम न जाहिर करने की शर्त पर बताया कि दो लाख रुपए की बीमा और पांच हजार रुपए के ओवरड्राफ्ट के लालच में पूरे देश में 11 करोड़ से ज्यादा जन-धन खाते खुल चुके हैं। इनमें से चार करोड़ से ज्यादा खातों में एक भी पैसा नहीं है।

Home / Business / Finance / जनधन खातों में बैंक खुद डाल रहे हैं पैसा

Copyright © 2024 Patrika Group. All Rights Reserved.