scriptसुप्रीम कोर्ट के इस फैसले से बैंकों पर बढ़ जाएगा 1.7 लाख करोड़ रुपए का फंसा कर्ज | Banks risks 25 Billion dollar NPA after supreme court decision | Patrika News

सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले से बैंकों पर बढ़ जाएगा 1.7 लाख करोड़ रुपए का फंसा कर्ज

locationनई दिल्लीPublished: Mar 06, 2019 08:38:21 pm

Submitted by:

Ashutosh Verma

पावर सेक्टर में फंसा है 1.8 ट्रिलियन रुपए का कर्ज
आरबीआई ने साफ कर दिया है कि 180 दिन से एक दिन भी अधिक होता है तो दिवालिया कोर्ट का दरवाजा खटखटाया जा सकता है।
पिछले साल ही सितंबर माह में सुप्रीम कोर्ट ने पावर, शुगर व शिपिंग कंपनियों की प्रोसिडिंग्स पर रोक लगा दी थी

supreme Court

सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले से बैंकों पर बढ़ जाएगा 1.7 लाख करोड़ रुपए का फंसा कर्ज

नई दिल्ली। करीब एक साल पहले भारतीय रिजर्व बैंक ने कंपनियों पर देर से कर्ज भुगतान को लेकर नियमों को सख्त कर दिया था। अब देश के सर्वोच्च न्यायालय सभी इंडस्ट्रीज द्वारा इन नियमों का पालन करने को लेकर सुनवाई करने वाला है। सर्वोच्च न्यायालय की यह सुनवाई इसलिए भी अहम है क्योंकि इस पर करीब 25 अरब डॉलर (करीब 17 खरब) के कर्ज पर फैसला होना है।


केंद्रीय बैंक के फैसले को दी गई थी चुनौती

इतनी बड़ी रकम में कर्ज लेने वाले कई पावर प्रोड्यूसर्स उस टीम में हैं जिन्होंने केन्द्रीय बैंक के सख्त नियमों को चुनौती दी है। बता दें कि आरबीआई ने साफ कर दिया है कि 180 दिन से एक दिन भी अधिक होता है तो दिवालिया कोर्ट का दरवाजा खटखटाया जा सकता है। पिछले साल ही सितंबर माह में सुप्रीम कोर्ट ने पावर, शुगर व शिपिंग कंपनियों की प्रोसिडिंग्स पर रोक लगा दी थी। सुप्रीम कोर्ट ने यह रोक इन कंपनियों द्वारा केंद्रीय बैंक के नियमों को चुनौती देने के बाद लगाया था।


पावर सेक्टर में फंसा है 1.8 रुपए का कर्ज

पिछले साल ही केंद्रीय बैंक ने अपने एक सर्कुलर में फंसे कर्ज को लेकर पिछले नियमों को हटाते कंपनियों व उधारकर्ताओं को लताड़ लगाया था। पावर सेक्टर्स को सबसे अधिक चोट पहुंची थी जिसमें 34 प्लांट्स पर करीब 1.8 ट्रिलियन रुपए का कर्ज था।


सुप्रीम कोर्ट के उच्च प्राथमिकतओं में सबसे ऊपर है केस

ऐसे में यदि आरबीआई के निर्देशों को बहाल कर दिया जाता है तो इन्हें तुरंत दिवालिया प्रक्रिया का सामना करना पड़ सकता है। साथ ही, उधारकर्ताओं पर भी इस प्रक्रिया को शुरू करने का दबाव बढ़ जाएगा। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है यह केस उसके एजेंडे में सबसे ऊपर होगा। सितंबर माह में सुप्रीम कोर्ट द्वारा उठाए गए इस कदम से इन कंपनियों के लिए हल्की राहत मिली थी।
Read the Latest Business News on Patrika.com. पढ़ें सबसे पहले Business news in hindi की ताज़ा खबरें हिंदी में पत्रिका पर।

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो