देश का किसान तो उनके बही खाते की बात सुनकर ही डर गया है। ऐसे में किसान का कितना भला होगा इसका सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है। साहूकारों ने बही खाते से किसानों का लूटा
किसान नेता बीएम सिंह ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह और किसानों के मसीहा सर छोटू राम ने मुश्किल से बही-खाते से किसानों को मुक्ति दिलाई थी। बही खाता आज भी किसानों के लिए शोषण का प्रतीक है।
उन्होंने कहा कि बही खाते से किसान मिटा है न कि उसका भला हुआ है। साहूकारों ने हमारे पूर्वजों को इसके जरिए लूटा और जिंदगी भर कर्जदार बनाए रखा। मोदी सरकार की कथनी और करनी में फर्क है
किसान नेता बीएम सिंह ने कहा कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने गांव, गरीब और किसान की बात जरूर की है, लेकिन मोदी सरकार की कथनी और करनी में बहुत फर्क है। 641 गांवों पर एक किसान उत्पाद संघ होने से क्या होगा
वित्त मंत्री ने दावा किया है कि देश भर में 10 हजार किसान उत्पाद संघ बनाए जाएंगे। मैं, उनसे पूछता हूं कि देश भर में 6 लाख 41 हजार से ज्यादा गांव हैं। इस लिहाज से देखने पर 641 गांवों पर एक किसान उत्पादक संघ बैठता है। अगर सैकड़ों गांवों में एक किसान उत्पाद संघ होगा तो किसानों का कितना भला होगा। इस बात का जवाब वित्त मंत्री को देना चाहिए।
इसी तरह उन्होंने ग्रामीण क्षेत्रों में आधारभूत सुविधाओं के विकास व अन्य सुविधाओं पर 85 हजार करोड़ रुपए बजटीय प्रावधान की घोषणा की है। लेकिन इससे किसानों को कितना भला होगा ये सभी जानते हैं। नेटवर्किंग के विकास से निजी क्षेत्र की इकाईयों को लाभ होता न कि किसानों का।
मोदी सरकार में किसानों को फायदा नहीं उन्होंने एक साल पहले महाराष्ट्र, हरियाणा, राजस्थान, गुजरात, कर्नाटक, तमिलनाडु, ओडिशा सहित अन्य राज्यों में भयंकर सूखे की याद दिलाते हुए कहा कि उन किसानों का कितना भला आज तक मोदी सरकार ने किया यह पूरा देश जानता है।
इतना ही नहीं चालू वित्तीय वर्ष में समय से बारिश न होने की वजह से सूखे की स्थिति है। किसानों ने दाल, तेलहन, धान बुआई पर पैसे खर्च कर दिए हैं। लेकिन अभी तक बारिश न होने से 50 प्रतिशत खेतों की बुआई तक नहीं हुई है। बजट में सरकार ने इस बात को लेकर कुछ नहीं कहा।