मालूम हो कि शहरी इलाकों में झुग्गी-झोपड़ी, कच्चे मकानों या किराये पर रहने वाले लोगों को खुद का घर मुहैया कराने के मकसद से सरकार ने प्रधानमंत्री आवास योजना की शुरुआत की थी। सरकार का लक्ष्य है कि साल 2022 तक सबको आवास उपलब्ध कराया जा सके। इसलिए वित्त वर्ष 2021-22 के बजट में योजना का विस्तार हो सकता है। सूत्रों के मुताबिक इस बार बजटीय आवंटन में इस योजना के लिए ज्यादा धनराशि दी जा सकती है। इससे लोगों का मकान का सपना पूरा होने के साथ रोजगार के अवसर बढ़ेंगे। इससे अर्थव्यवस्था को भी मजबूती मिलेगी।
कौन कर सकता है आवेदन
प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत पहली बार घर खरीदने वालों को क्रेडिट लिंक्ड सब्सिडी दी जाती है। इसमें होम लोन के ब्याज पर कमजोर आय वर्ग के लोग 2.60 लाख रुपए तक का लाभ पा सकते हैं। इस योजना में केंद्र सरकार की ओर से लाभार्थी के अकाउंट में सीधे पैसा भेजा जाता है। योजना के अंतर्गत तीन कैटेगरी के लोगों को लोन दिया जाता है। आर्थिक कमजोर वर्ग जिनकी सालाना आय 300000 रुपए या फिर उससे कम है। एलआईजी श्रेणी के लिए सालाना आय 6 लाख रुपए तक होना चाहिये और एमआईजी वर्ग के लिए यही राशि 12 लाख रुपए वार्षिक होना चाहिये।
प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत पहली बार घर खरीदने वालों को क्रेडिट लिंक्ड सब्सिडी दी जाती है। इसमें होम लोन के ब्याज पर कमजोर आय वर्ग के लोग 2.60 लाख रुपए तक का लाभ पा सकते हैं। इस योजना में केंद्र सरकार की ओर से लाभार्थी के अकाउंट में सीधे पैसा भेजा जाता है। योजना के अंतर्गत तीन कैटेगरी के लोगों को लोन दिया जाता है। आर्थिक कमजोर वर्ग जिनकी सालाना आय 300000 रुपए या फिर उससे कम है। एलआईजी श्रेणी के लिए सालाना आय 6 लाख रुपए तक होना चाहिये और एमआईजी वर्ग के लिए यही राशि 12 लाख रुपए वार्षिक होना चाहिये।