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कैश की किल्‍लत: सरकार पता करेगी, एटीएम से कहां गायब हुआ कैश?

locationनई दिल्लीPublished: Apr 21, 2018 02:06:51 pm

Submitted by:

Saurabh Sharma

एफआईयू उन एटीएम की जांच करेगी जिनमें से सबसे ज्‍यादा कैश निकाला गया है। इनमें देश के करीब 2166 एटीएम शामिल हैं।

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नई दिल्‍ली। पूरा देश कैश की किल्‍लत से जूझ रहा है। कुछ इलाकों में हालात थोड़े बेहतर जरूर हुए हैं, लेकिन समस्‍या अभी भी बनी हुई है। वित्‍त मंत्री से लेकर आरबीआई और बाकी बैंक भी देश को भरोसा दिलाने में जुटे हुए हैं कि जल्‍द ही हालात बेहतर हो जाएंगे। वहीं दूसरी ओर केंद्र सरकार ने इस मामले को गंभीरता से ले लिया है। केंद्र अब मिशन कैश में जुट गई है। इस मिशन के तहत पता लगाया जाएगा कि आखिर एटीएम से रुपया गया कहां?

एफआईयू करेगी जांच
केंद्र सरकार पिछले कुछ दिनों में कैश किल्‍लत से काफी फजी‍हत झेल रही है। आरबीआई और देश के बड़े बैंक भी लोगों के निशाने पर रहे हैं। ऐसे में केंद्र सरकार ने कैश की किल्‍लत की जांच शुरू करने का मन बना लिया है। इसके लिए केंद्र सरकार की ओर से फाइनैंशियल इंटेलिजंस यूनिट जांच करेगी। एफआईयू उन एटीएम की जांच करेगी, जिनमें से सबसे ज्‍यादा कैश निकाला गया है। इनमें देश के करीब 2166 एटीएम शामिल हैं। यह बात किसी से छिपी नहीं है देश के एक दर्जन से अधिक शहरों में कैश की किल्‍लत हो रही है। जिसमें देश की राजधानी और एनसीआर के शहर भी शामिल हैं।

लोगों से की जाएगी पूछताछ
इन एटीएम से किन लोगों ने सबसे ज्यादा पैसे निकाले इसकी जांच की जाएगी। वहीं उन लोगों से भी पूछताछ भी की जा सकती है, जिन्‍होंने भारी संख्‍या में कैश निकाले हैं। उनसे पूछा जाएगा किे आखिर उन्‍हें इतने रुपए क्‍यों निकालने की जरुरत पड़ी? इस पूरी पड़ताल में आयकर विभाग विभाग भी केंद्र सरकार की पूरी मदद करने को तैयार हो गया है। सरकार को यह संदेह है कि इस कैश की किल्लत के पीछे कोई बड़ी साजिश हो सकती है। सरकार इस पूरे मामले की जांच कर रही है ताकि सही तथ्य निकलकर सामने आए।

जमाखोरी बनी किल्‍लत की वजह?
वहीं दूसरी ओर वित्त मंत्रालय के कुछ अधिकारी जमाखोरी को भी कैश की किल्लत की बढ़ी वजह मानकर चल रहे हैं। कुछ दिन पहले आरबीआई की रिपोर्ट में भी बात सामने आई थी कि भारतीय बैंकों की चेस्‍ट में रुपयों की भारी कमी आई है। जितना रुपया भारतीय बैंकों में होना चाहिए उतना नहीं है। ऐसे में अंदाजा लगाया जा रहा है कि कालेधन को बढ़ावा मिला है। जिसमें 2000 रुपए का नोट बड़ी वजह है।

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