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दिवाली से पहले युवाओं और किसानों को सरकार की सौगात, 15 हजार लोगों को मिलेगा रोजगार

Published: Nov 10, 2020 02:27:26 pm

Submitted by:

Soma Roy

Schemes For Youth and Farmers : कोल्ड चेन योजना और बैकवर्ड एवं फॉरवर्ड लिंकेज योजना को दी गई मंजूरी
किसानों को कोल्ड स्टोरेज में माल को सुरक्षित रखने की मिलेगी सुविधा

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Schemes For Youth and Farmers

नई दिल्ली। कोरोना काल के चलते लाखों लोग बेरोजगार हो गए। ऐसे में उनकी स्थिति को सुधारने और किसानों की आमदनी बढ़ाने के लिए केंद्र एवं राज्य सरकार कई तरह की स्कीम्स चला रही है। इसी दिशा में और सुधार करते हुए केंद्र की ओर से कोल्ड चेन योजना (Cold Chain Scheme) और बैकवर्ड एवं फॉरवर्ड लिंकेज योजना को मंजूरी दी गई है। इससे रोजगार (Employment) के अवसर बनेंगे, जिससे करीब 15 हजार लोगों को नौकरी मिल सकेगी। इसके अलावा लगभग 2 लाख किसानों को नई योजना से लाभ मिलेगा। योजना के जरिए 443 करोड़ रुपए का नया निवेश करने का प्लान तैयार किया गया है। इस बात की जानकारी केंद्रीय खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर (narendra singh tomer) की अध्यक्षता में हुई अंतर-मंत्रालयी अनुमोदन समिति (Inter-Ministerial Committee) की बैठक दी गई।
क्या है कोल्ड चेन योजना
इस योजना का मकसद खेत से लेकर उपभोक्ता तक बिना किसी रुकावट के एकीकृत शीत श्रृंखला एवं परिरक्षण अवसरंचना सुविधाएं उपलब्ध कराना है। इससे किसानों को सीधा फायदा होगा। इस परियोजना से लगभग 12,600 लोगों के लिए रोजगार के अवसर बनने की संभावना है। साथ ही करीब 2 लाख किसान लाभांवित होंगे। यह परियोजना देशभर के 10 राज्यों आंध्र प्रदेश, गुजरात, हिमाचल प्रदेश, जम्मू और कश्मीर, केरल, नागालैंड, पंजाब, तेलंगाना, उतराखंड और उत्तर प्रदेश में लागू होगी।
बैकवर्ड एंड फॉरवर्ड लिंकेज योजना
इस स्कीम के तहत कच्चे माल की उपलब्धता को बढ़ाना है। इससे इंफ्रास्ट्रक्चर भी मजबूत बनेगा। योजना में आठ प्रस्तावों को मंजूरी दी गई है। ये स्कीम अभी महाराष्ट्र, गुजरात, पंजाब, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश और तमिलनाडु के लिए है।
ऐसे मिलेगा किसानों का फायदा
कोल्ड चेन योजना के तहत किसानों का उत्पाद जल्दी खराब नहीं होगा। क्योंकि वे फसल की कटाई के बाद माल को कोल्ड स्टोरेज में सुरक्षित रख सकेंगे। इसके अलावा इन केंद्रों पर छंटाई, कटाई एवं पैकेजिंग की सुविधा भी उपलब्ध होगी। उत्पादों को कोल्ड स्टोरेज से बाजार तक ले जाने के लिए परिवहन सुविधा, उत्पादों की बिक्री के लिए रिटेल आउटलेट सुविधा भी मिलेगी। माना जा रहा है कि जिन राज्यों में परियोजना की शुरुआत की मंजूरी दी गई है वहां इससे करीब 2,500 लोगों को रोजगार के अवसर मिलेंगे।
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