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मोदी सरकार ने पर इस पेट्रोलियम कंपनी को बचाने का अारोप, 12 हजार करोड़ रुपए का है कर्ज

Published: Aug 28, 2018 09:16:37 am

Submitted by:

Saurabh Sharma

कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की अधिसूचना का हवाला देते हुए सोमवार को भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) को गुजरात राज्य पेट्रोलियम कॉरपोरेशन (जीएसपीसी) को दिवालिया घोषित करने की मांग की।

PM Modi

मोदी सरकार ने पर इस पेट्रोलियम कंपनी को बचाने का अारोप, 12 हजार करोड़ रुपए का है कर्ज

नई दिल्ली। जैसे-जैसे देश में चुनावी माहौल पैदा हो रहा है। उतनी ही तेजी से मोदी सरकार पर आरोपों की बरसात हो रही है। कर्इ आरोप काफी गंभीर हैं। वहीं कुछ आरोप राजनीति से प्रेरित। एेसा एक आरोप मोदी सरकार पर लगा है। इस बार मोदी सरकार पर एक बड़ी पेट्रोलियम कंपनी को बचाने का आरोप लगा है। खास बात ये है कि यह पेट्रोलियम कंपनी गुजरात की है आैर इस पर 12 हजार करोड़ रुपए कर्ज है। दावा किया गया है कि पिछले 70 सालों में केंद्र सरकार किसी कंपनी को बचाने के लिए हार्इ कोर्ट में आरबीआर्इ के खिलाफ हलफनामा दाखिल किया है।

कांग्रेस ने लगाया आरोप

Jairam Ramesh

कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की अधिसूचना का हवाला देते हुए सोमवार को भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) को गुजरात राज्य पेट्रोलियम कॉरपोरेशन (जीएसपीसी) को दिवालिया घोषित करने की मांग की। उन्होंने कहा कि कंपनी बैंकों का 12,000 करोड़ रुपये का कर्जदार है। कांग्रेस नेता ने मोदी सरकार पर कंपनी को दिवालिया घोषित करने से बचाने की कोशिश करने का आरोप लगाया।

एसबीआर्इ का है 1200 करोड़ रुपए का कर्ज
जयराम रमेश ने कहा कि आरबीआई ने 12 फरवरी, 2018 को एक सर्कुलर जारी किया था, जिसमें कहा गया था कि जिस कंपनी के पास बैंक का 2,000 करोड़ रुपये से अधिक का कर्ज है, उसे 180 दिनों के भीतर दिवालिया घोषित किया जाना चाहिए। रमेश ने कहा, “जीएसपीसी के ऊपर एसबीआई का सबसे ज्यादा कर्ज है, जोकि 1,200 करोड़ रुपये है। इसलिए आरबीआई की अधिसूचना के अनुसार एसबीआई को जीएसपीसी को दिवालिया घोषित कर देना चाहिए।” प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जब गुजरात के मुख्यमंत्री थे, उस दौरान जीएसपीसी गुजरात मॉडल के सबसे कामयाब कंपनियों में शुमार थी और इसने भारत के अन्य राज्यों के लिए उदाहरण पेश किया था।

पिछले 70 सालों में पहली बार
रमेश ने कहा, “पिछले 70 सालों में केंद्र सरकार ने पहली बार उच्च न्यायालय में जीएसपीसी को बचाने के इरादे से आरबीआई के खिलाफ हलफनामा दाखिल किया है।” उन्होंने कहा, “कंपनी अब दिवालिया हो चुकी है और यह करदाताओं के ऊपर बोझ है।”

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