पीएम नरेंद्र मोदी के मेक इन इंडिया प्रोजेक्ट के तहत गाय के गोबर एवं मिट्टी से बने दीयों एवं अन्य उत्पादों को बढ़ावा दिया जा रहा है। इसमें न सिर्फ भारतीय परंपरा की झलक दिखाई देगी, बल्कि इस कदम से देश में शिल्पकारों के दम तोड़ते हुनर को दोबारा नया जीवन मिलेगा। इससे उनकी आजीविका बढ़ेगी। इसी सिलसिले में राष्ट्रीय कामधेनु आयोग (आरकेए) ने भी पहल की है। आयोग की ओर से इस दिवाली गोबर से बने 33 करोड़ दीये बेचने का टार्गेट रखा गया है।
15 राज्यों में मिलेंगे गोबर के बनें उत्पाद
राष्ट्रीय कामधेनु आयोग के अनुसार देश के 15 राज्यों में इस दिवाली दीयों के अलावा गोबर के बने कई अन्य प्रोडक्ट भी मिलेंगे। इससे प्रदूषण से मुक्ति मिलेगी। साथ ही कुम्हारों की बिक्री बढ़ने से उनके चेहरों पर भी मुस्कान आएगी। आयोग का कहना है कि वे एवं अन्य संस्थाएं मिलकर चीनी सामानों पर निर्भरता कम करने की कोशिश करेंगे।